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किसानों का आक्रोश फूटा तो सरकार को भुगतने पड़ेंगे बहुत गंभीर परिणाम : संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के मुताबिक उनके कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों का साथ देंगे। इस दौरान ‘आप’ नेता संसद से सड़क तक केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध करेंगे।

06:01 PM Jan 05, 2021 IST | Ujjwal Jain

आम आदमी पार्टी के मुताबिक उनके कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों का साथ देंगे। इस दौरान ‘आप’ नेता संसद से सड़क तक केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध करेंगे।

आम आदमी पार्टी के मुताबिक उनके कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों का साथ देंगे। इस दौरान ‘आप’ नेता संसद से सड़क तक केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध करेंगे। मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने कहा कि सरकार किसानों के धैर्य की परीक्षा न ले और यह कृषि कानून वापस ले। अगर किसानों का आक्रोश फूटेगा, तो सरकार को बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। 
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कृषि कानून के विषय पर कहा, “देश के किसान बड़ी उम्मीदों के साथ सरकार की ओर देख रहे थे कि शायद सोमवार की वार्ता अंतिम वार्ता होगी। किसानों को उम्मीद थी कि कानून वापस ले लिए जाएंगे। इस बिल के लिए आंदोलित 60 किसानों ने अपनी शहादत दी है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान अपनी जान दे रहे हैं।” 
उन्होंने कहा कि, “इस देश के अन्नदाता के ऊपर दो दिन पहले हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने आंसू गैस के गोले बरसाए। किसानों के ऊपर मिर्ची पाउडर के गोले छोड़े जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि किसी दुश्मन देश के नागरिकों के साथ युद्ध लड़ा जा रहा है।”

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संजय सिंह ने कहा, “लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल का विरोध हुआ, सड़क पर इसका विरोध हो रहा है। धोखे से इस बिल को पास किया गया। संसद में इस पर चर्चा तक नहीं की गई। किसानों ने मन बना लिया है कि जब तक बिल वापस नहीं होंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि, “आम आदमी पार्टी ने भी दृढ़ संकल्प लिया है कि संसद से लेकर सड़क तक, सेवादार से लेकर सांसद, विधायक और एक-एक कार्यकर्ता तक, किसानों का साथ देंगे।”
संजय सिंह ने आगे कहा, “अभी भी कह रहा हूं कि किसानों के ऊपर पीड़ा, तकलीफ और कष्ट का पहाड़ खड़ा हो चुका है। किसानों के धैर्य का बांध टूट रहा है। उनके धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। आप ने उनका बहुत इम्तिहान ले लिया। अगर किसानों का आक्रोश सड़कों पर फूटेगा तो इसके बहुत गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेंगे।” 
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