W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

उप्र : आयकर विभाग से नोटिस मिलने से भड़का संत समाज, वित्तमंत्री को पत्र लिखकर आंदोलन की दी धमकी

अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के उस नोटिस का कड़ा विरोध किया है, जिसके लिए संतों को कोई पैसा मिला ही नहीं।

05:57 PM Mar 15, 2021 IST | Ujjwal Jain

अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के उस नोटिस का कड़ा विरोध किया है, जिसके लिए संतों को कोई पैसा मिला ही नहीं।

Advertisement
उप्र   आयकर विभाग से नोटिस मिलने से भड़का संत समाज  वित्तमंत्री को पत्र लिखकर आंदोलन की दी धमकी
Advertisement
अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के उस नोटिस का कड़ा विरोध किया है, जिसके लिए संतों को कोई पैसा मिला ही नहीं। नोटिस के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर संत समिति ने आंदोलन की धमकी दी है।
Advertisement
अखिल भारतीय संत समिति सनातन हिंदू धर्म के विभिन्न अखाड़ों और मठों का एक संयुक्त मंच है। समिति के अनुसार, आयकर विभाग ने कथित तौर पर सनातन धर्म के 13 अखाड़ों और तीर्थराज प्रयागराज के सभी प्रमुख मठों को नोटिस भेजा है।
अखिल भारतीय संत समिति ने नोटिस को सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने और हिंदू धमाचार्यो को अपमानित करने की साजिश करार दिया। समिति ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने संवाददाताओं से कहा,”प्रयागराज में कुंभ 2019 के दौरान राज्य सरकार और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से कुछ काम किए गए थे, ताकि तीर्थयात्री वहां आराम से रह सकें। उस समय, यूपी सरकार ने कुंभ आने वाले तीर्थयात्रियों को कई सुविधाएं देने के लिए 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों में कई काम करवाए थे। जल निगम इस काम के लिए निष्पादन एजेंसी थी और यूपी सरकार और केंद्र सरकार ने इसके लिए फंड दिया था।”
उन्होंने कहा कि अखाड़ों और संतों का उस फंड से कोई लेना-देना नहीं था। उन्हें अपने बैंक खातों में उस काम के लिए कोई धनराशि नहीं मिली। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, आयकर विभाग ने 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों को उस फंड के लिए नोटिस दिया जो उन्हें कभी मिला ही नहीं।
स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि नोटिस के माध्यम से, संतों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, “एक भारतीय नागरिक के रूप में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम जो फंड प्राप्त करते हैं, उसका हिसाब दें। लेकिन जो फंड कभी मिला ही नहीं उसका हिसाब कैसे दें?”
उन्होंने दावा किया कि यह संतों का ‘अपमान’ है और सनातन धर्म को बदनाम करने की ‘साजिश’ है और इससे संत समाज में काफी रोष है। उन्होंने कहा, “समिति ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अगर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संत समाज सड़कों पर उतरेगा।”
Advertisement
Author Image

Ujjwal Jain

View all posts

Advertisement
Advertisement
×