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केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेताओं का रुख सकारात्मक, बोले- विचार करेंगे

केंद्र सरकार की ओर से डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को होल्ड पर रखकर कमेटी के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने सकारात्मक रूप से लिया है। किसान नेताओं का कहना है कि यह विचार करने लायक प्रस्ताव है।

11:42 PM Jan 20, 2021 IST | Shera Rajput

केंद्र सरकार की ओर से डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को होल्ड पर रखकर कमेटी के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने सकारात्मक रूप से लिया है। किसान नेताओं का कहना है कि यह विचार करने लायक प्रस्ताव है।

केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेताओं का रुख सकारात्मक  बोले  विचार करेंगे
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केंद्र सरकार की ओर से डेढ़ साल तक कृषि कानूनों को होल्ड पर रखकर कमेटी के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने सकारात्मक रूप से लिया है। किसान नेताओं का कहना है कि यह विचार करने लायक प्रस्ताव है। ऐसे में सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि आपसी राय मशविरा कर 22 जनवरी को होने वाली 11 वें दौर की बैठक में सरकार को अपने रुख से अवगत कराएंगे। सरकार के बड़ा स्टैंड लेने के बाद आंदोलन के जल्द सुलझने के आसार दिखाई देने लगे हैं।
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विज्ञान भवन की अब तक सभी 10 बैठकों में शामिल रहे किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा, ‘हमें कमेटी पर भरोसा नहीं है, लेकिन सरकार ने कानूनों को होल्ड करने की बात कही है, यह जरूर विचार करने वाली बात है। केंद्र ने बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की है, हम कल इस पर चर्चा कर अपनी राय बनाएंगे।’
बैठक में मौजूद रहे किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने हमसे कहा कि 3 कानूनों को होल्ड पर करने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट को एफिडेविट दे देंगे। दोनों पक्षों के बीच मुद्दों के सुलझने तक एक से डेढ़ साल तक कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की बात सरकार ने कही है। सरकार का यह प्रस्तााव विचार करने लायक है। ऐसे में 21 जनवरी को किसान संगठनों की मीटिंग में इस पर चर्चा होगी।’
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हनन मुल्लाह ने भी सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने बैठक में कहा कि कोर्ट में एफिडेविट देकर हम कानून को डेढ़- दो साल तक रोक सकते हैं। इस दौरान कमेटी जो रिपोर्ट देगी, हम उसको लागू करेंगे। अब सभी किसान संगठन 21 जनवरी को सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा कर 22 जनवरी की बैठक में अपना जवाब देंगे। किसान नेताओं का रुख हमेशा से सकारात्मक रहा है।’
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Shera Rajput

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