Savitri Life Story : मधुबाला जैसी खूबसूरत और रईस, लेकिन एक गलती ने छीनी अरबों की संपत्ति, सावित्री की दुखद कहानी
Savitri Life Story : भारतीय सिनेमा में अनेक अभिनेत्रियाँ आईं, लेकिन कुछ ही ऐसी हुईं जिनका नाम समय की धूल से परे आज भी चमकता है। मधुबाला, मीना कुमारी और सुरैया जैसे नाम हमेशा कला और सौंदर्य के प्रतीक माने जाते हैं। इन महान कलाकारों के समान ही दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक ऐसा सितारा था, जिसकी चमक अप्रतिम थी वह थीं Savitri उनकी जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। जितनी ऊँचाइयाँ उन्होंने हासिल कीं, उतना ही त्रासदीपूर्ण उनका अंतिम सफर रहा।
खूबसूरती जो दिलों को छू लेती थी

सावित्री की खूबसूरती की तुलना मधुबाला से की जाती थी। उनकी मुस्कान में एक मासूमियत थी, जो किसी भी दृश्य को जादुई बना देती थी। उनकी बड़ी-बड़ी आँखों में भावों की ऐसी गहराई थी कि दर्शक स्क्रीन से हट ही नहीं पाते थे। कैमरे के सामने आते ही सावित्री जीवंत हो जाती थीं। यही कारण था कि निर्देशक केवल एक टेेक में ही उनके शॉट को ओके कर देते थे। दक्षिण भारत में उन्हें “महानटी” कहा जाता था एक ऐसी अभिनेत्री जो हर फिल्म में अपने चरित्र को आत्मा देती थी। उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि लोग थिएटरों में सिर्फ उन्हें देखने जाते थे, चाहे कहानी कुछ भी हो।
Savitri wealth and property : शोहरत का चरम और शाही जीवन

1950 और 60 के दशक में सावित्री का सितारा बुलंदियों पर था। वे तमिल और तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री की सबसे बड़ी नायिका बन चुकी थीं। फिल्में हिट होती जा रही थीं और उनकी फीस हर प्रोजेक्ट के साथ बढ़ती जा रही थी। उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी अलीशान बंगले, महंगी कारें, अनगिनत गहने और अनोखे शौक। इतनी दौलत थी कि उन्होंने अपने निजी महल में एक सुनार को स्थायी रूप से रखा हुआ था, जो सिर्फ उनके लिए आभूषण बनाता था। उनका जीवन किसी राजकुमारी के जीवन से कम नहीं था। उन्हें देखकर कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि यह स्त्री आगे चलकर जीवन की सबसे भीषण त्रासदी का सामना करेगी।
प्यार में की गई एक गलती जिसने बदल दी पूरी जिंदगी

सावित्री का जीवन उस समय मोड़ लेता है जब उन्हें अभिनेता जेमिनी गणेशन से प्रेम हो जाता है। गणेशन उनसे उम्र में बड़े थे और पहले से शादीशुदा भी। इसके बावजूद सावित्री ने प्रेम में बहकर उनसे विवाह कर लिया। शुरुआत में रिश्ता अच्छा चला, लेकिन समय के साथ मतभेद बढ़ते गए। गणेशन का स्वभाव बहुत जटिल था। सावित्री को अपेक्षित सम्मान न मिलना, उनके रिश्तों में बढ़ती दूरी और पति की लगातार बेवफाई ने सावित्री के दिल को तोड़कर रख दिया।
यही वह दौर था जब सावित्री की आत्मविश्वास और मानसिक शांति पर गहरा असर पड़ने लगा। उनका व्यक्तिगत जीवन उस नींव की तरह हिल गया, जिस पर उनका पूरा अस्तित्व टिकाया हुआ था।
कारोबार, प्रोडक्शन और गलत फैसले से संपत्ति का पतन

पति के साथ तनाव बढ़ते ही सावित्री ने खुद को काम में झोंक दिया और फिल्म प्रोडक्शन की ओर बढ़ीं। उनके मन में यह विश्वास था कि वे अपनी मेहनत और प्रतिभा से किसी भी क्षेत्र में सफलता पा सकती हैं। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कई फिल्मों में उन्होंने भारी निवेश कर दिया, कुछ लोगों पर अंधा भरोसा किया और कुछ फैसले बिना सोचे-समझे ले लिए।
इन सबने मिलकर धीरे-धीरे उनके आर्थिक साम्राज्य को गिराना शुरू कर दिया। उनकी कई फिल्में बुरी तरह फ्लॉप हुईं। वित्तीय नुकसान बढ़ता गया। तनाव और अकेलेपन ने उन्हें शराब की लत की ओर धकेल दिया। करीब वही हुआ जो हमेशा होता है जब तक पैसे थे, लोग उनके आसपास थे। जैसे ही हालात बिगड़ने लगे, लोग उनसे दूरी बनाने लगे।
अकेलापन, बीमारी और संघर्ष

शराब की वजह से सावित्री की सेहत लगातार गिरती गई। धीरे-धीरे काम कम होता गया और आय के स्रोत समाप्त हो गए। जो अभिनेत्री कभी करोड़ों की मालकिन थी, वह कर्ज में डूबने लगी। जिन लोगों ने कभी उनके पैसों की बदौलत बड़ा जीवन जिया था, वही लोग इस कठिन समय में कहीं नज़र नहीं आए एक रात उन्हें स्ट्रोक आया और वे गहरे कोमा में चली गईं।
महीनों तक अस्पताल में पड़ी रहीं, लेकिन सच यह था कि उनके इलाज के लिए भी पर्याप्त पैसे नहीं बचे थे। यह वही अभिनेत्री थी जिसके एक इशारे पर बड़ी-बड़ी फिल्में लाइन में लग जाती थीं, और आज वे बिस्तर पर असहाय पड़ी थीं बिना धन, बिना परिवार और बिना किसी सहारे के।
Savitri death story : दर्दनाक अंत जिसने पूरे दक्षिण भारत को रुला दिया

कई महीनों तक संघर्ष करने के बाद सावित्री ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मौत की खबर आते ही तमिल और तेलुगू सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। यह बात सामने आई कि जिस अभिनेत्री के पास कभी 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति थी, उनकी मृत्यु के समय उनके पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं थी। उनकी मौत सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं थी, बल्कि यह फिल्म इंडस्ट्री के उस क्रूर सच का प्रतीक भी थी जहाँ चमक-दमक सब कुछ छुपा देती है, लेकिन समय आने पर वही चमक इंसान को अकेला छोड़ देती है।
Savitri Telugu cinema : सावित्री जिन्हे भुलाया नहीं जा सकता

Savitri का जीवन भले ही दर्द और संघर्ष के साथ समाप्त हुआ, लेकिन उनकी कला आज भी अमर है। उनकी फिल्मों को आज भी उतने ही सम्मान से देखा जाता है। उनकी कहानी पर बनी फिल्म “महानटी” ने नई पीढ़ी को उनकी महानता और संघर्ष से परिचित कराया। सावित्री सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं थीं वह एक युग थीं। उनका जीवन हमें यह समझाता है कि नाम, शोहरत और संपत्ति क्षणभंगुर हैं। जीवन में समझदारी, सही लोग और संतुलन ज़रूरी होते हैं।
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