Sawan 2025 End Date: 8 या 9 अगस्त, कब खत्म होगा सावन? जानें इसकी सही तिथि और धार्मिक महत्व
Sawan 2025 End Date: हिंदू पंचांग में सावन माह भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है। इस पूरे महीने में भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करते हैं तथा सोमवार का व्रत रखते हैं। सावन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर साल इसकी शुरुआत और समाप्ति की तिथि पंचांग के अनुसार बदलती रहती है और यह अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग दिनों पर समाप्त होता है।
2025 में सावन कब खत्म होगा? (Sawan 2025 End Date)
उत्तर भारत (पूर्णिमांत पंचांग अनुसार) –
उत्तर भारत के राज्यों जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश आदि में सावन माह 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा। इस दिन श्रावण पूर्णिमा और रक्षा-बंधन का पर्व भी मनाया जाएगा।
दक्षिण और पश्चिम भारत (अमान्त पंचांग अनुसार) –
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में सावन का महीना 25 जुलाई 2025 से शुरू होकर 23 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।
नेपाल व हिमालयी क्षेत्र –
नेपाल, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सावन 16 जुलाई 2025 से 16 अगस्त 2025 तक रहेगा।
क्षेत्रवार सावन समाप्ति (2025)
उत्तर भारत (पूर्णिमांत): 9 अगस्त 2025
दक्षिण/पश्चिम भारत (अमान्त): 23 अगस्त 2025
नेपाल/हिमालयी क्षेत्र: 16 अगस्त 2025
सावन के धार्मिक महत्व
सावन माह को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के समय जब विष निकला था, तब भगवान शिव ने संपूर्ण जगत की रक्षा के लिए उस विष को पिया था। इस कारण उनका गला नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। यह घटना सावन माह में ही हुई थी, इसलिए इस महीने शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
सावन समाप्ति के दिन विशेष पूजा
सावन का अंतिम दिन, जिसे श्रावण पूर्णिमा भी कहते हैं, बेहद खास होता है। इस दिन कई महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं
रक्षा-बंधन – भाई-बहन का पवित्र त्योहार
झूलन यज्ञ – भगवान कृष्ण और राधा का झूला उत्सव
उपाकर्म – ब्राह्मणों और वैदिक छात्रों का यज्ञोपवीत संस्कार
सावन की समाप्ति केवल एक महीने का अंत नहीं है, बल्कि यह भगवान शिव के प्रति पूरे महीने की भक्ति और साधना का समापन भी है। 2025 में उत्तर भारत में यह 9 अगस्त को, दक्षिण और पश्चिम भारत में 23 अगस्त को तथा नेपाल-हिमालयी क्षेत्र में 16 अगस्त को समाप्त होगा। क्षेत्र के अनुसार इसकी समाप्ति अलग-अलग होती है, इसलिए सही तिथि जानकर ही पूजा या व्रत का समापन करना शुभ रहता है।
Disclaimer: इस लेख में बताई गए तरीके और सुझाव सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है, Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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