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Sawan Purnima 2025 Kaise Manaye: सावन के अंतिम दिन महादेव की ऐसे पाएं कृपा

01:38 PM Aug 09, 2025 IST | Amit Kumar
Sawan Purnima 2025 kaise Manaye:

Sawan Purnima 2025 kaise Manaye: आज शनिवार, 9 अगस्त को सावन महीने की पूर्णिमा है, जो सावन का आखिरी दिन होता है। इस दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन के अंतिम दिन की पूजा विशेष फलदायी होती है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए व्रत और उपाय पूरे सावन महीने जितना पुण्य देते हैं। आइए जानते हैं इस शुभ दिन पर क्या-क्या करना चाहिए।

Sawan Purnima 2025: अंतिम दिन क्या करें

1. शिवलिंग का अभिषेक करें

स्नान के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करना बहुत शुभ माना गया है। इसके लिए आप गंगाजल, दूध, शहद, दही और शुद्ध जल का उपयोग कर सकते हैं। बेलपत्र, धतूरा और भांग भी अर्पित करें। साथ ही “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें। इससे भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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2. विशेष बेलपत्र का प्रयोग

आमतौर पर शिवलिंग पर तीन पत्तियों वाला बेलपत्र चढ़ाया जाता है, जो शिव जी को अत्यंत प्रिय है। लेकिन सावन के आखिरी तीन दिनों में आप तीन से अधिक पत्तियों वाले बेलपत्र भी चढ़ा सकते हैं। यह भी शुभ और फलदायी माना गया है। ध्यान रखें कि बेलपत्र साफ-सुथरा हो और उस पर कोई छेद न हो।

3. दो मुखी रुद्राक्ष की पूजा

रुद्राक्ष को शिव जी का प्रतीक माना गया है। सावन की पूर्णिमा के दिन दो मुखी रुद्राक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। इसे पहले गंगाजल से शुद्ध करें और फिर शिवलिंग के सामने रखकर “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। इसके बाद इसे धारण करें। माना जाता है कि इससे शिव जी की विशेष कृपा मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है।

4. व्रत और दान का महत्व

इस दिन व्रत रखना और दान करना बेहद पुण्यकारी होता है। आप पूर्णिमा का उपवास रख सकते हैं और दिन भर फलाहार लें। साथ ही जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, फल, जल या अन्य उपयोगी वस्तुएं दान करें। इससे न केवल भगवान शिव प्रसन्न होते हैं बल्कि पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है।

5. शमी पत्र और गन्ने के रस से पूजा

बेलपत्र की तरह ही शमी का पत्ता भी शिव जी को प्रिय है। आप गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें और फिर शमी पत्र चढ़ाएं। यह उपाय बहुत ही शुभ माना गया है और इससे मनोकामना पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है।

9 August 2025 Rakhi Ka Shubh Muhurat:  रक्षाबंधन पर जान लें कब तक है अभिजीत मुहूर्त, साथ ही नोट करें भद्रा काल

9 August 2025 Rakhi Ka Shubh Muhurat: रक्षाबंधन केवल एक सांस्कृतिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय परंपराओं और आस्था का प्रतीक है। यह पर्व रिश्तों में प्रेम, विश्वास और सुरक्षा की भावना को और मजबूत करता है। यह दिन बहनों के प्रेम और भाइयों की जिम्मेदारी का उत्सव है, जो हर वर्ष नए संकल्पों के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

देशभर में मनाया जा रहा राखी

9 August 2025 Rakhi Ka Shubh Muhurat: आज 9 अगस्त 2025 को देशभर में राखी का त्योहार मनाया जा रहा है। बता दें कि इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा-सूत्र (राखी) बांधती हैं, उनके दीर्घायु, सुख और समृद्ध जीवन की कामना करती हैं और अपने सम्मान, सुरक्षा का संकल्प भाइयों से लेती हैं। भाई भी बहनों को हमेशा उनकी रक्षा का वचन देते हैं। इस पर्व का धार्मकि और पौराणिक महत्व भी है।

9 August 2025 Rakhi Ka Shubh Muhurat: राखी का पौराणिक महत्व क्या है?

रक्षाबंधन से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रसिद्ध हैं। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी और फिर सम्पूर्ण पृथ्वी, आकाश और पाताल को नाप लिया, तब उन्हें विष्णु जी को अपने साथ रखने का वरदान मिला। इस स्थिति में लक्ष्मी जी चिंतित हो गईं और उन्होंने राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया। इसके बदले उन्होंने अपने पति भगवान विष्णु को उपहार स्वरूप मांग लिया। तभी से रक्षाबंधन का यह पर्व भाई-बहन के पवित्र बंधन और रक्षा के संकल्प से जुड़ा माना जाता है।

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