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Sawan: वाराणसी का ऐसा शिव मंदिर जहां पराजित हुए थे यमराज, इस सावन जरूर करें दर्शन

05:50 PM Jul 10, 2025 IST | Shivangi Shandilya
sawan  वाराणसी का ऐसा शिव मंदिर जहां पराजित हुए थे यमराज  इस सावन जरूर करें दर्शन

हिंदू धर्म में सावन मास (Sawan) का विशेष महत्व है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि समाप्त होने के साथ 11 जुलाई को श्रावण मास आरंभ हो जाएगा। ऐसे में शिवनगरी काशी में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो चुकी है। काशी में कई मंदिर है जो विश्व के नाथ और उनके भक्तों के बीच की सुंदर कथा से जुड़े हैं। ऐसा ही एक मंदिर है गंगा-गोमती के पवित्र संगम तट पर बसा मार्कण्डेय महादेव का मंदिर।

'ओम नमः शिवाय' की गूंज

साल भर इस मंदिर में 'हर हर महादेव' और 'ओम नमः शिवाय' की गूंज सुनाई देती है। सावन माह (Sawan) में तो मानो तिल तक रखने की जगह नहीं होती है। कैथी गांव के पास स्थित मंदिर के पास सावन की शुरुआत के साथ मेला भी शुरू हो जाएगा। इस मंदिर की सबसे खास बात है कि यहां काल या यम के देवता यमराज भी पराजित हो गए थे। मार्कण्डेय महादेव मंदिर की पौराणिक कथा भक्तों में गहरी आस्था जगाती है।

Sawan 2021 In Varanasi Know Story Of Varanasi Famous Shiva Temple Markandeya  Mahadev Mandir Dham Of Kashi - Amar Ujala Hindi News Live - सावनः एक लोटा  जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं

धार्मिक कथा के अनुसार

धार्मिक कथा के अनुसार, ऋषि मृकण्ड के पुत्र मार्कण्डेय को जन्म दोष था, जिसके अनुसार पृथ्वी पर उनकी आयु मात्र 14 वर्ष थी। उनके माता-पिता ने गंगा-गोमती तट पर बालू से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की। (Sawan) जब मार्कण्डेय 14 वर्ष के हुए और यमराज उनके प्राण लेने आए, तब भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए। शिव ने यमराज को लौटने का आदेश दिया और कहा, "मेरा भक्त सदा अमर रहेगा और उसकी पूजा मुझसे पहले होगी।"

मार्कण्डेय महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध

तभी से यह स्थल मार्कण्डेय महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया। सावन में इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है। (Sawan) यहां त्रयोदशी (तेरस) के दिन विशेष पूजा होती है, जहां भक्त पुत्र प्राप्ति और पति की लंबी आयु की कामना करते हैं। महामृत्युंजय जाप, शिवपुराण, रुद्राभिषेक और सत्यनारायण कथा का आयोजन भी होता है। महाशिवरात्रि पर दो दिनों तक अनवरत जलाभिषेक की परंपरा है।

संतान की लंबी आयु के लिए ये उपाय

धार्मिक मान्यता है कि बेलपत्र पर महादेव के आराध्य श्रीराम का नाम लिखकर अर्पित करने से संतान की आयु लंबी होती है और यम का त्रास भी नहीं रहता। (Sawan) उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी इस प्राचीन मंदिर का उल्लेख मिलता है, जिसके अनुसार, मार्कण्डेय महादेव मंदिर शिव की असीम कृपा का प्रतीक है। मार्कण्डेय ऋषि ने अपनी भक्ति से शिवलिंग स्थापित कर अमरता का वरदान प्राप्त किया था। सावन में कांवड़ियों की भीड़ से काशी की यह शिवनगरी और जीवंत हो उठती है।

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Shivangi Shandilya

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