टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

एसबीआई ने आरटीजीएस, एनईएफटी लेनदेन पर हटाए शुल्क

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने इंटरनेट या मोबाइल पर एनईएफटी और आरटीजीएस से लेनदेन करने पर एक जुलाई से शुल्क हटा दिए हैं।

07:21 AM Jul 13, 2019 IST | Desk Team

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने इंटरनेट या मोबाइल पर एनईएफटी और आरटीजीएस से लेनदेन करने पर एक जुलाई से शुल्क हटा दिए हैं।

नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने इंटरनेट या मोबाइल पर एनईएफटी और आरटीजीएस से लेनदेन करने पर एक जुलाई से शुल्क हटा दिए हैं। बैंक ने यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन शुल्कों को खत्म करने के बाद उठाया है। इसके अलावा बैंक ने आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) से लेनदेन करने पर भी एक अगस्त से शुल्क हटाने का निर्णय किया है। 
बड़ी राशि के लेनदेन के लिए आरटीजीएस (रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) और दो लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) प्रणाली का उपयोग किया जाता है। बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंक की योनो, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों को एक जुलाई से आरटीजीएस और एनईएफटी लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ रहा है। इसके अलावा इन ग्राहकों को एक अगस्त से आईएमपीएस लेनदेन पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। 
योनो (यू ऑनली नीड वन) बैंक की डिजिटल और लाइफस्टाइल मंचों को एक साथ लाने वाली एप का नाम है। इसके पंजीकृत ग्राहकों की संख्या करीब एक करोड़ है। इसके अलावा बैंक की इंटरनेट बैंकिंग सेवा के ग्राहकों की संख्या छह करोड़ और मोबाइल बैंकिंग के ग्राहकों की संख्या 1.41 करोड़ के आसपास है। अभी तक बैंक एनईएफटी पर एक से पांच रुपये और आरटीजीएस पर पांच से 50 रुपये तक का शुल्क लेता रहा है। बैंक ने शाखा पर जाकर एनईएफटी और आरटीजीएस का उपयोग करने वाले ग्राहकों से लिए जाने वाले शुल्क में 20 प्रतिशत कटौती की है। 
बैंक के प्रबंध निदेशक (खुदरा एवं डिजिटल बैंकिंग) पी. के. गुप्ता ने कहा कि सरकार के देश के डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिकोण के साथ अपनी रणनीति तय करते हुए हमने योनो, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंक को बढ़ावा देने का निर्णय किया है। रिजर्व बैंक ने भी बैंकों से एनईएफटी और आरटीजीएस लेनदेन से शुल्क हटाने का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कहा है।
Advertisement
Advertisement
Next Article