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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह छह महिला न्यायाधीशों को बर्खास्त करने के अपने फैसले पर कायम है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा था कि वह तीन हफ्ते के भीतर फैसला करे कि क्या वह इन न्यायिक अधिकारियों की सेवाओं को खत्म करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सुनवाई कर रही थी। हाई कोर्ट की ओर से पेश वकील ने पीठ को फैसले के बारे में बताया। छह पूर्व न्यायिक अधिकारियों में तीन ने अपनी सेवाएं समाप्त करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
Highlights
याचिकाओं पर सुनवाई कर रही पीठ ने मामले में अगली प्रक्रिया की तारीख 30 अप्रैल तय की। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को छह महिला सिविल न्यायाधीशों की सेवा समाप्त करने का संज्ञान लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
शीर्ष न्यायालय ने बर्खास्त न्यायिक अधिकारियों को नोटिस जारी कर अपनी दलीलें रिकॉर्ड पर रखने को कहा था। वरिष्ठ वकील गौरव अग्रवाल इस मामले में न्यायमित्र के रूप में सुप्रीम कोर्ट की मदद कर रहे हैं।