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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 8 लड़कियों को उनके परिवार को सौंपने की दी अनुमति

पीठ ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया कि इस तरह की पीड़ितों को योजना के तहत की जाने वाली क्षतिपूर्ति का आकलन करे और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे।

07:39 AM Sep 12, 2019 IST | Desk Team

पीठ ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया कि इस तरह की पीड़ितों को योजना के तहत की जाने वाली क्षतिपूर्ति का आकलन करे और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह की 44 लड़कियों में से आठ लड़कियों को सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके परिवारों को सौंपने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति एम एम शांतानागौडार और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि इन आठ लड़कियां को सभी आवश्यक वित्तीय और मेडिकल सहायता उपलब्ध करायी जाए। 
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पीठ ने राज्य सरकार को यह निर्देश भी दिया कि इस तरह की पीड़ितों को योजना के तहत की जाने वाली क्षतिपूर्ति का आकलन करे और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे। पीठ ने टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (टिस) को शेष लड़कियों के मामले में एक स्थिति रिपोर्ट तैयार करके आठ सप्ताह के भीतर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने टिस की कार्य परियोजना ‘कोशिश’ की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद यह आदेश दिया। 
सीलबंद लिफाफे में पेश की गयी इस रिपोर्ट में कहा गया था कि आठ लड़कियों को उनके परिवारों को सौंपा जा सकता है। ये लड़कियां पूरी तरह फिट हैं। मुजफ्फरपुर में गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित इस आश्रय गृह में अनेक लड़कियों का कथित रूप से यौन शोषण हुआ था और टिस की एक रिपोर्ट के बाद इस आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण की गतिविधयां सामने आयी थीं। 
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