Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

हैदराबाद एनकाउंटर को SC के जांच आयोग ने बताया फर्जी, तेलंगाना HC को सौंपा गया मामला

CJI एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान के उस अनुरोध को ठुकरा दिया कि तीन-सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में रखी जाए।

03:36 PM May 20, 2022 IST | Desk Team

CJI एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान के उस अनुरोध को ठुकरा दिया कि तीन-सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में रखी जाए।

हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक के साथ गैंगरेप तथा हत्या मामले के चार आरोपियों की कथित मुठभेड़ को सुप्रीम कोर्ट के जांच आयोग ने फर्जी करार दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की सीलबंद रिपोर्ट को साझा करने का आदेश देते हुए आगे की कार्रवाई के लिए मामले को तेलंगाना हाई कोर्ट के पास भेज दिया। CJI एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान के उस अनुरोध को ठुकरा दिया कि तीन-सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में रखी जाए।
Advertisement
पीठ ने कहा, ‘‘यह (रिपोर्ट) मुठभेड़ मामले से संबद्ध है। इसमें यहां रखने जैसी कोई बात नहीं है। आयोग ने किसी को दोषी पाया है। हम मामले को हाई कोर्ट के पास भेजना चाहते हैं। हमें मामले को वापस हाई कोर्ट के पास भेजना पड़ेगा, हम इस मामले की निगरानी नहीं कर सकते। एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गयी है। सवाल यह है कि क्या उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कुछ सिफारिशें की हैं।’’

SC ने दिल्ली HC के फैसले से हटाई रोक, आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के मामले में सुनाया यह फैसला

पीठ ने कहा, ‘‘हम आयोग सचिवालय को दोनों पक्षों को रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं।’’ इससे पहले पीठ ने आयोग की सीलबंद लिफाफे वाली रिपोर्ट कुछ वक्त के लिए वकीलों के साथ साझा करने से इनकार कर दिया था। चार आरोपियों के मुठभेड़ में मारे जाने की जांच कर रहे आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुरकर ने की है।
हालांकि, कोर्ट ने रजिस्ट्री को पीठ के न्यायाधीशों को रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। सीजेआई ने वकीलों के साथ कुछ वक्त के लिए रिपोर्ट साझा न करने का निर्देश देते हुए कहा था, ‘‘पहले हमें रिपोर्ट पढ़ने दीजिए।’’ इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष तीन अगस्त को आयोग को मुठभेड़ मामले पर अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह महीने का और समय दिया था।
सिरपुरकर समिति का गठन 12 दिसंबर 2019 को हुआ और उसे उन परिस्थितियों की जांच करने का जिम्मा सौंपा गया, जिसके चलते मुठभेड़ हुई। उसे अपनी रिपोर्ट छह महीने में सौंपनी थी। समिति का गठन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में चल रहे मुकदमों की सुनवाई पर रोक लगा दी थी।

Flight Emergency Landing: यात्रियों की अटकी सांस! उड़ान भरते ही हवा में बंद हुआ विमान का इंजन

गौरतलब है कि तेलंगाना पुलिस ने कहा था कि आरोपी मुठभेड़ में मारे गए। यह घटना सुबह करीब साढ़े छह बजे हुई थी जब आरोपियों को जांच के लिए घटनास्थल ले जाया जा रहा था। चारों आरोपियों मोहम्मद आरिफ, चिंटाकुंटा चेन्नाकेश्वुलु, जोलु शिवा और जोलु नवीन को नवंबर 2019 में एक पशु चिकित्सक के सामूहिक दुष्कर्म तथा हत्या मामले में पकड़ा गया था।
चारों आरोपियों को हैदराबाद के समीप एनएच-44 पर कथित मुठभेड़ में गोली मार दी गयी थी। इसी राजमार्ग पर 27 वर्षीय युवती का जला हुआ शव मिला था। पुलिस ने दावा किया कि 27 नवंबर 2019 को महिला पशु चिकित्सक का अपहरण कर उससे दुष्कर्म किया गया तथा बाद में उसकी हत्या कर दी गयी। पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों ने महिला का शव जला दिया था।
Advertisement
Next Article