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लामबगड़ में नहीं खुला बद्रीनाथ हाईवे

दो दिन बाद भी बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ में नहीं खुला। मंगलवार को मार्ग खोलने के प्रयास जारी रहे। चमोली जिले में फिलहाल 25 संपर्क मार्ग बंद पड़े हुए हैं।

01:16 PM Sep 05, 2018 IST | Desk Team

दो दिन बाद भी बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ में नहीं खुला। मंगलवार को मार्ग खोलने के प्रयास जारी रहे। चमोली जिले में फिलहाल 25 संपर्क मार्ग बंद पड़े हुए हैं।

लामबगड़ में नहीं खुला बद्रीनाथ हाईवे
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देहरादून : दो दिन बाद भी बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ में नहीं खुला। मंगलवार को मार्ग खोलने के प्रयास जारी रहे। चमोली जिले में फिलहाल 25 संपर्क मार्ग बंद पड़े हुए हैं। सोमवार को हाईवे अवरुद्ध होने से 230 तीर्थयात्री लामबगड़ में तीन किमी पैदल और फिर वाहन से बद्रीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर पहुंचे, जबकि 450 तीर्थयात्री धाम की यात्रा कर अपने गंतव्य को लौटे। बता दें कि शनिवार रात को भारी बारिश के दौरान लामबगड़ नाले का जलस्तर बढ़ गया था, जिससे यहां हाईवे करीब 20 मीटर बह गया था। मलबा और बोल्डर हाईवे पर आ गए थे। अभी तक भी यहां हाईवे सुचारु नहीं हो पाया है, जबकि लामबगड़ भूस्खलन क्षेत्र में भी चट्टान से लगातार बोल्डर के साथ मलबा हाईवे पर आ रहा है, जिससे हाईवे को सुचारु नहीं किया जा सका है।

लामबगड़ में हाईवे अवरुद्ध होने से सबसे अधिक दिक्कत असहाय तीर्थयात्रियों को झेलनी पड़ रही है। जोशीमठ के एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि लामबगड़ में मौसम सामान्य होने पर ही हाईवे को सुचारु किया जा सकता है। सुरक्षा को देखते हुए यहां पर यात्रा वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। लामबगड़ में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए चाय और पानी की निशुल्क व्यवस्था की गई है। चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश से सड़कें जानलेवा बनीं हुई हैं। बदरीनाथ हाईवे के साथ ही लासी-सरतोली, गोपेश्वर-पोखरी, नंदप्रयाग-घाट, पोखरी-रुद्रप्रयाग, घाट-कुरुड़, पोखरी-कर्णप्रयाग, गोपेश्वर-मंडल सड़क पर जगह-जगह चट्टानी भाग से भूस्खलन हो रहा है। जिससे वाहनों के साथ ही पैदल आवाजाही कर रहे लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं।

16 घंटे बाद खुला यमुनोत्री हाईवे

बदरीनाथ हाईवे पर पर्थाडीप, सोनला, बाजपुर, क्षेत्रपाल, छिनका, गडोरा, अगथला, भनेरपाणी, पातालगंगा, लंगसी, हेलंग, जोगीधारा, मारवाड़ी, हाथी पहाड़, टैय्या पुल, गोविंदघाट, पिनौला, लामबगड़, बैनाकुली और हनुमान चट्टी में चट्टानी भाग बारिश के कारण कमजोर पड़ गई हैं। जिससे यहां रह-रहकर भूस्खलन हो रहा है। जिससे वाहनों की आवाजाही में भी खतरा बना हुआ है। जोशीमठ के एसडीएम योगेंद्र सिंह का कहना है कि भारी बारिश के दौरान तीर्थयात्रियों से सुरक्षित स्थानों में शरण लेने की अपील की जा रही है।

– सुनील तलवाड़

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