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मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दहेज की चीजें अब वापस मांगना होगा आसान!

12:43 PM Dec 03, 2025 IST | Bhawana Rawat

SC On Muslim Women Divorced: तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाया है। 2 नवंबर (मंगलवार) को सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में कहा कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला विवाह के समय अपने माता-पिता द्वारा उसे या उसके पति को दिए गए कैश, सोना और दूसरी चीजें कानूनी तौर पर वापस पाने की हकदार है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसी वस्तुओं को महिला की संपत्ति माना जाना चाहिए और जब तलाक हो जाएं तो उसे वापस कर देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं के अनुभवों को समझना जरूरी है, क्योंकि छोटे शहरों और गांवों में आज भी पितृसत्तात्मक भेदभाव आम है।

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Muslim Woman Divorced: बेंच ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि मुस्लिम महिला अधिनियम,1986 की व्याख्या ऐसे की जानी चाहिए, जिससे महिलाओं के सम्मान, समानता, गरिमा और स्वायत्तता को मजबूती मिले। बेंच ने इसके साथ ही कहा कि भारत के ग्रामीण और छोटे कस्बों में अब भी सामाजिक-आर्थिक और लैंगिक असमानताएं होती हैं, ऐसे में कानून की व्याख्या करते समय महिलाओं की परिस्थितियों को ध्यान में रखना जरूरी है।

कानून क्या कहता है?

SC On Muslim Women Divorced (Image- Social Media)

1986 के अधिनियम की धारा 3, तलाकशुदा मुस्लिम महिला को यह अधिकार देती है कि वह शादी से पहले, शादी के बाद या शादी के समय रिश्तेदारों, दोस्तों, पति या ससुराल पक्ष की तरफ से दिए गए सभी उपहार, जेवर, नकद राशि और सामान वापस मांग सकती है। कोर्ट ने 2001 के डेनियल लतीफी बनाम भारत संघ फैसले का हवाला देते हुए कहा कि तलाक के बाद मुस्लिम महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए यह कानून बनाया गया था।

Supreme Court News: कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला खारिज कर सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला

Supreme Court News (Image- Social Media)

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला, साल 2022 में कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले को खारिज करके दिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तालकशुदा महिला को सामान लौटाने का मामला सिर्फ एक दिवानी मामले के तौर पर निपटाया था। फैसले में ये था कि पति को शादी के बाद कुछ सामान न लौटाने की राहत दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को खारिज कर दिया है और शादी में महिला के घर की तरफ से मिले सभी सामान को वापस लेने का अधिकार दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला न सिर्फ महिलाओं के अधिकारों को बहाल करता है, बल्कि यह सन्देश भी देता है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं की संपत्ति और समान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह निर्णय न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक तौर पर बल्कि सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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