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SCO Meeting in Pakistan : पाकिस्तान से रवाना हुए विदेश मंत्री Jaishankar, पीएम शहबाज का जताया आभार

SCO Meeting in Pakistan : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री इशाक डार का आभार जताया। उन्होंने एक दिवसीय दौरे के समापन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए उनको धन्यवाद कहा।

01:40 AM Oct 16, 2024 IST | Abhishek Kumar

SCO Meeting in Pakistan : शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री इशाक डार का आभार जताया। उन्होंने एक दिवसीय दौरे के समापन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए उनको धन्यवाद कहा।

SCO Meeting in Pakistan : भारत लौटे विदेश मंत्री Jaishankar

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री इशाक डार का आभार जताया। बता दें कि रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के विमान में सवार होने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट किया।उन्होंने लिखा, इस्लामाबाद से प्रस्थान कर रहा हूं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार तथा पाकिस्तान सरकार को आतिथ्य और शिष्टाचार के लिए धन्यवाद। साथ ही इससे पहले साल 2015 में भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान का दौरा किया था। दिवंगत सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शिरकत की थी।

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विदेश मंत्री जयशंकर ने क्या कहा ?

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत ने बुधवार को इस्लामाबाद में एससीओ सरकार के प्रमुखों की बैठक में सकारात्मक और रचनात्मक योगदान दिया।इस दौरान कुल आठ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें भारतीय दृष्टिकोण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री ने एससीओ काउंसिल की 23वीं बैठक में कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद ‘तीन बुराइयां’ है, जिनका समाधान नहीं किया गया तो सहयोग और एकीकरण का फायदा हासिल नहीं हो सकेगा।

जयशंकर ने कहा, यदि सीमा पार से आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद जैसी गतिविधियां होती हैं, तो इनसे व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, संपर्क और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है।शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के समक्ष चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्री ने कहा, इसका मकसद आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी संबंधों को मजबूत करना, बहुआयामी सहयोग, विशेष रूप से क्षेत्रीय प्रकृति के सहयोग को विकसित करना है।

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