जेडीयू - राजद के बीच गृहमंत्रालय को लेकर फंसा पेंच, सरकार बनना तय
बिहार के गृह विभाग में दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करने के कारण 2017 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से दोबारा गठजोड़ करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर इसी पुलिस महकमे को लेकर दुविधा में पड़ गए हैं।
01:59 PM Aug 09, 2022 IST | Desk Team
बिहार के गृह विभाग में दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करने के कारण 2017 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से दोबारा गठजोड़ करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर इसी पुलिस महकमे को लेकर दुविधा में पड़ गए हैं।
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गृहविभाग को लेने पर अड़ा राजद
सूत्रों के अनुसार, बिहार में पांच साल के बाद फिर से पाला बदलकर राजद के साथ नई सरकार बनाने की जुगत में लगे श्री नीतीश कुमार के सामने राजद ने गृह विभाग अपने पास रखने की शर्त रखी है। श्री कुमार वर्ष 2005 में जब से बिहार के मुख्यमंत्री बने तब से गृह विभाग उनके पास ही रहा है लेकिन इस बार राजद यह विभाग अपने पास रखना चाहता है। राजद की इस शर्त से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दुविधा में पड़ गए हैं।
2017 की सरकार में लालू का बढ़ा का गृहविभाग में दखल
दरअसल 2017 में जब श्री कुमार ने राजद से नाता तोड़ था तब इसका एक बड़ कारण यह भी था कि उस समय राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने गृह विभाग में दखलअंदाजी शुरू कर दी थी, जिसे श्री कुमार बर्दाश्त नहीं कर सके थे। उस समय राजद प्रमुख ने सार्वजनिक तौर पर पुलिस से संबंधित मामलों पर उनसे (श्री यादव) संपर्क करने की बात कही थी।
कांग्रेस व राजद , जेडीयू नेता फंसे पेंच सुलझाने में लगे
सूत्रों के अनुसार, राजद मुख्यमंत्री के रूप में श्री नीतीश कुमार को स्वीकार करने को तैयार तो हो गया है लेकिन वह गृह विभाग छोड़ने को तैयार नहीं है। उधर श्री कुमार बिहार में 15 वर्ष के लालू-राबड़ शासनकाल में कानून व्यवस्था की स्थिति से वाकिफ हैं और उन्हें लगता है कि राज्य की जनता ने उन्हें कानून व्यवस्था के नाम पर ही अपना समर्थन दिया है, यदि इसमें किसी भी तरह की कमी या कोताही हुई तो उनका राजनीतिक आधार खत्म हो जाएगा। इस बीच कांग्रेस इन दोनों दलों (राजद और जदयू) के बीच फंसे इस पेंच को सुलझाने में लगी है।
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