मूर्तिकार अरुण योगीराज ने अचंभित किस्से का किया जिक्र, प्रतिमा बनाते समय रोजाना आते थे बंदर
Arun Yogiraj Shared Hanuman Ji Story: 22 जनवरी की तारीख को इतिहास के पन्नों पर हमेशा के लिए सुनहरे अक्षरों से लिख दिया गया है। रामलाल विग्रह में पूरे विधि-विधान के साथ विराजित हो गए हैं। इसके अगले दिन से ही रामभक्तों का राम मंदिर में भगवान राम (Arun Yogiraj Shared Hanuman Ji Story) को देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ देखने को मिल रहा है। इस बीच मूर्तिकार अरुण योगीराज ने एक ऐसा किस्सा साझा किया, जिसे सुनकर आप भी अचंभित हो जाएंगे।
अरुण योगीराज को मिला लोगों का प्यार
पूरे देश से रामलला की मूर्ति के लिए अरुण योगीराज को बहुत प्यार मिल रहा है। अरुण योगीराज ने 7 महीने में प्रभु श्रीराम की प्रतिमा को मनमोहक आकार दिया है, जिसने भी रामलला की प्रतिमा (Arun Yogiraj Shared Hanuman Ji Story) को देखा, वो मोहित हो गया। ऐसे में अरुण योगीराज का एक इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने 'हनुमानजी' की कहानी साझा की है।
प्रतिमा बनाने के दौरान के अपने अनुभव साझा किए
अरुण योगीराज ने आजतक को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने प्रतिमा बनाने के दौरान के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा (Arun Yogiraj Shared Hanuman Ji Story) के बाद मूर्ति की आभा ही बदल गई। इसी के साथ उन्होंने एक बंदर की कहानी भी बताई, जो रोजाना उनके पास आता था।
ये है किस्सा
राम भगवान के 5 वर्ष के बाल रूप को योगीराज ने पत्थर पर उकेरा है, जो कि उनके मुताबिक बहुत ही जिम्मेदारी का काम था। मूर्ति को तराशने में उनको 7 महीने का वक्त लगा। इसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत की। क्योंकि पांच साल के बच्चे के अंदर प्रभु राम (Arun Yogiraj Shared Hanuman Ji Story) को ढूंढना उनके लिए चुनौती थी। अरुण योगीराज ने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि जब वो मूर्ति बनाने का काम करते थे, तब रोजाना एक बंदर शाम 5 बजे उनके पास जाता था। उन्होंने कहा कि हमारी साइट पर भी ऐसे ही हर दिन 'हनुमानजी' 5-6 बजे आ रहे थे, और जोर से खटखटाते थे।
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