Drug Addiction ने खत्म किया इस Cricketer का Future
Sean Williams Drug Case: Zimbabwe क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी Sean Williams ने अपने शानदार सफर के बीच ऐसी मुश्किल का सामना किया है, जिसने उनके पूरे करियर को रोक दिया है। अब ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड (ZC) ने साफ कर दिया है कि विलियम्स का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।दरअसल, खिलाड़ी ने खुद बताया कि वे ड्रग्स की लत से जूझ रहे हैं और इस वक्त रीहैब सेंटर में इलाज करवा रहे हैं। बोर्ड ने कहा कि बीते कुछ सालों से Sean Williams का अनुशासन और उपलब्धता दोनों ही चिंता का विषय बने हुए थे। 39 साल के विलियम्स करीब 20 सालों तक देश के लिए खेलते रहे, लेकिन अब बोर्ड ने तय किया है कि उनका करार 2025 के बाद खत्म कर दिया जाएगा।
ZC के बयान में कहा गया कि बार-बार टीम से दूर रहना और नियमों की अनदेखी ने टीम की तैयारी और प्रदर्शन पर असर डाला है। इसीलिए बोर्ड को ये कठिन निर्णय लेना पड़ा।
Sean Williams Drug Case: Drugs की आदत को खुद किया Sean Williams ने स्वीकार

हाल ही में जब ज़िम्बाब्वे की टीम टी20 वर्ल्ड कप अफ्रीका क्वालिफ़ायर्स की तैयारी में लगी थी, तब विलियम्स ने अचानक निजी कारणों का हवाला देकर टीम से नाम वापस ले लिया। लेकिन बाद में जांच के दौरान ये सामने आया कि उन्होंने ड्रग्स की समस्या स्वीकार की और स्वेच्छा से पुनर्वास केंद्र में दाखिल हो गए।
बोर्ड ने कहा कि
“हर अनुबंधित खिलाड़ी से उम्मीद की जाती है कि वह अनुशासन, प्रोफेशनल रवैया और टीम के नियमों का पालन करे। हम इस बात की सराहना करते हैं कि उन्होंने मदद लेने का कदम उठाया, लेकिन इस तरह टीम से हटना नैतिकता और पेशेवर मानकों पर सवाल खड़ा करता है।”
विलियम्स ने अपने करियर में 8,000 से ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं, जिनमें 5,217 रन वनडे मैचों में हैं। उन्होंने 8 शतक और 37 अर्धशतक जड़े हैं। उनका औसत लगभग 37.5 रहा है।
इस साल उन्होंने जेम्स एंडरसन को पीछे छोड़कर सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर का रिकॉर्ड भी बनाया था।
Sean Williams Drug Case: विवादों, वापसी और विदाई का सफर

विलियम्स का क्रिकेट करियर सिर्फ रन और रिकॉर्ड से नहीं, बल्कि विवादों और वापसी की कहानियों से भी भरा रहा है। 2006 में जब उन्होंने अंडर-19 टीम की कप्तानी की, तब उन्होंने शुरुआत में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लेने से मना कर दिया था और विदेश में खेलने के अवसर तलाशने लगे थे। कुछ महीनों बाद उन्होंने वापसी की, लेकिन 2008 में फिर साउथ Africa चले गए और कुछ समय बाद दोबारा लौटे।
2014 में, अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें बांग्लादेश दौरे से बाहर कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने ट्रेनिंग कैंप में नियमित भाग नहीं लिया था और अनुशासनात्मक जांच पूरी नहीं हुई थी।

इसके बावजूद, उनका योगदान Zimbabwe क्रिकेट के इतिहास में अमिट रहेगा।
बोर्ड ने अपने बयान में कहा, “विलियम्स ने बीते दो दशकों में टीम के लिए अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कई यादगार मैच जिताए हैं और क्रिकेट में अपनी एक पहचान बनाई है। हम उनके स्वास्थ्य सुधार और आगे की ज़िंदगी के लिए शुभकामनाएँ देते हैं।”
शॉन विलियम्स की कहानी बताती है कि प्रतिभा और अनुभव के बावजूद, अनुशासन और व्यक्तिगत संघर्ष किसी भी खिलाड़ी के करियर को प्रभावित कर सकते हैं। अब ज़िम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड उनके बिना आगे बढ़ेगा, जबकि विलियम्स अपनी नशे की लड़ाई जीतने की कोशिश में हैं।
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