सेबी का एलएंडटी कंपनी को झटका
सेबी ने इंजीनियर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के 9,000 करोड़ रुपये के शेयर पुनर्खरीद प्रस्ताव को मंजूरी देने से मना कर दिया है।
नई दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इंजीनियर क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के 9,000 करोड़ रुपये के शेयर पुनर्खरीद प्रस्ताव को मंजूरी देने से मना कर दिया है। एलएंडटी ने शनिवार को इस संबंध में शेयर बाजार को सूचना दी। कंपनी ने कहा सेबी ने उससे शेयर पुनखर्रीद पर आगे बढ़ने से मना किया है।
सेबी का कहना है कि शेयरों की पुनर्खरीद के बाद कंपनी पर बकाया कुल गारंटी और बगैर गारंटीवाला कर्ज उसकी चुक्ता पूंजी और मुक्त आरिक्षित कोष के दोगुना से अधिक हो जाएगा। इसके लिए सेबी ने कंपनी के एकीकृत वित्तीय लेखा-जोखा को आधार बनाया है। उल्लेखनीय है कि एलएंडटी की योजना 6.1 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद करने की है।
कंपनी ने इसके लिए 1,475 रुपये प्रति शेयर खरीद मूल्य तय किया है। क्या होता है बायबैक? कोई कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं। कंपनियां कई वजहों से इसका फैसला लेती हैं। सबसे बड़ी वजह कंपनी की बैलेंसशीट में अतिरिक्त नकदी का होना है। कंपनी के पास बहुत ज्यादा नकदी का होना अच्छा नहीं माना जाता। शेयर बायबैक के जरिए कंपनी अतिरिक्त नकदी का इस्तेमाल करती है।
सबसे पहले कंपनी का बोर्ड शेयर बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी देता है। इसके बाद कंपनी बायबैक के लिए कार्यक्रम का ऐलान करती है। इसमें रिकॉर्ड डेट और बायबैक की अवधि का जिक्र होता है। रिकॉर्ड डेट का मतलब यह है कि उस दिन तक जिन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर होंगे, वो बायबैक के तहत अपने शेयर बेच सकते हैं।