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शीतकालीन सत्र से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा

लखनऊ में विधानसभा के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई

04:52 AM Dec 16, 2024 IST | Aastha Paswan

लखनऊ में विधानसभा के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले लखनऊ में राज्य विधानसभा के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) मनीषा सिंह ने कहा, “विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है और सुरक्षा व्यवस्था के लिए विधानसभा के आसपास के सभी प्रमुख चौराहों पर प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) और सिविल पुलिस को तैनात किया गया है। हम सीसीटीवी के जरिए इलाके की निगरानी भी कर रहे हैं।”

यूपी विधानसभा के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा

इस सत्र में राज्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है – संभल हिंसा, अतिक्रमण विरोधी अभियान, महाकुंभ की तैयारी और झांसी में आग जैसी घटनाओं से बचने के लिए अस्पतालों की अनियमितताएं। विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने घोषणा की कि समाजवादी पार्टी (सपा) राज्य में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव, खासकर संभल की स्थिति पर चिंता जताएगी। पांडे ने कहा कि पार्टी सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के प्रयासों के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराएगी और सत्र में काफी हंगामा होने की उम्मीद है।

किसानों के लिए अन्याय की मांग

पांडे ने कहा, “कल हम सरकार को सांप्रदायिक घटनाओं और दंगों के माध्यम से सद्भाव को बाधित करने के प्रयासों के बारे में नोटिस देंगे। हम इन घटनाओं के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराएंगे। कल सत्र में काफी हंगामा होने की उम्मीद है।” विपक्ष के नेता ने पुष्टि की कि समाजवादी पार्टी सभी प्रकार के अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी सभी समुदायों में सभी प्रकार के अन्याय के खिलाफ लड़ेगी और जनता से जुड़े मुद्दों जैसे बेरोजगारी, किसानों की शिकायतें या किसी अन्य अन्याय को उठाएगी।”

प्रशासन से किया सवाल

संभल का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा, “क्या प्रशासन ने अचानक रातों-रात इतना प्राचीन मंदिर बना दिया? क्या भगवान हनुमान की सदियों पुरानी मूर्ति रातों-रात प्रकट हो गई? क्या प्राचीन ज्योतिर्लिंग कहीं से अचानक प्रकट हो गया? क्या यह आस्था का मामला नहीं था? 46 साल पहले संभल में हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार दोषियों को सजा क्यों नहीं मिली? उस समय मारे गए निर्दोष लोगों के बारे में कोई चर्चा क्यों नहीं होती? 46 साल पहले संभल में बेरहमी से मारे गए लोगों का क्या दोष था?”

(News Agency)

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