Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सुरक्षा उपकरण टेस्ट में फेल, भाजपा ने सरकार को घेरा

उच्च न्यायालय सुरक्षा उपकरणों में घोटाले का आरोप

08:50 AM Jun 17, 2025 IST | IANS

उच्च न्यायालय सुरक्षा उपकरणों में घोटाले का आरोप

भाजपा ने झारखंड सरकार पर उच्च न्यायालय की सुरक्षा उपकरणों की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया। प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि बिना टेंडर के खरीदे गए उपकरण सुरक्षा टेस्ट में फेल हो गए। रिपोर्ट के अनुसार, चार में से तीन उपकरण बम डिटेक्शन में विफल रहे। सरकार पर आरोप है कि एक वर्ष से मामले को दबाया गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर उच्च न्यायालय की सुरक्षा के लिए उपकरणों की खरीदारी में घोटाले का आरोप लगाया। भाजपा प्रदेश इकाई के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रदेश कार्यालय में मंगलवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि सरकार ने उच्च न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बिना टेंडर के उपकरणों की खरीदारी की। उन्होंने यह भी दावा किया कि ज्यादातर उपकरण सुरक्षा टेस्ट में फेल हो गए। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भारी कीमत पर उपकरणों को खरीदने के पहले उनकी जांच नहीं हुई। खरीदारी के बाद स्पेशल ब्रांच के डीआईजी की अध्यक्षता में टेक्निकल टीम का गठन हुआ, जिसने 18 जून 2024 को अपनी रिपोर्ट सौंपी। भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इस रिपोर्ट के अनुसार खरीदे गए चार उपकरणों में से तीन उपकरण टेस्ट में फेल हो गए।

रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जमीन के अंदर गाड़े गए डेटोनेटर को डिटेक्ट करने वाला डीप सर्च माइन मेटल डिटेक्टर बेकार पाया गया। यह उपकरण जमीन के अंदर आईईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया। इसी तरह “अंडर व्हीकल सर्च मिरर”, जिससे शीशे के जरिए गाड़ी की चेसिस के नीचे लगे बम की जांच होती है, उसे भी बेकार पाया गया। यह उपकरण भी गाड़ी के नीचे आईईडी और बम को डिटेक्ट नहीं कर पाया।

Hemant Soren : झारखंड में स्टार्टअप पॉलिसी को मजबूती से लागू कर रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे

प्रतुल ने कहा कि हाई एक्सप्लोसिव टीएनटी को डिटेक्ट करने वाला एक्सप्लोसिव वेपर डिटेक्टर भी पूरे तरीके से रिपोर्ट में गड़बड़ पाया गया और यह कुछ भी डिटेक्ट नहीं कर पाया। इस रिपोर्ट को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह राज्य में न्यायपालिका की सर्वोच्च संस्था की सुरक्षा के साथ कहीं ना कहीं खिलवाड़ है। यह मामला जून 2024 में प्रकाश में आया, लेकिन राज्य सरकार एक वर्ष से इसे दबाकर बैठी है। अभी तक संबंधित कंपनी और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

Advertisement
Advertisement
Next Article