मणिपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, 4 उग्रवादी गिरफ्तार, हथियार और गोला-बारूद बरामद
मणिपुर : सुरक्षा बलों ने रविवार को अलग-अलग जिलों के अलग-अलग अभियानों में दो प्रतिबंधित संगठनों के चार उग्रवादियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से कुछ हथियार और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा बरामद किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन उग्रवादियों को इंफाल पूर्वी जिले से और एक को इंफाल पश्चिम जिले से गिरफ्तार किया गया। उग्रवादियों की पहचान अंगोम अचौ सिंह, नगैरंगबाम अपोलो मीतेई, मोहम्मद आलम खान और पीआरईपीएके उग्रवादी की पहचान निंगथौजम विद्यासागर सिंह उर्फ नानाओ उर्फ याइथोइबा (35) के रूप में हुई है।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
गिरफ्तार किए गए चार उग्रवादियों के पास से एक डबल बैरल राइफल, कुछ मोबाइल हैंडसेट और आधार कार्ड बरामद किए गए। सुरक्षा बलों ने इंफाल पश्चिम जिले के पटसोई इलाके से कुछ हथियार और गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया। बरामद हथियारों में चार सिंगल बैरल बंदूकें, एक मॉडिफाइड स्नाइपर राइफल और 9 मिमी पिस्तौल शामिल हैं। इसके अलावा, घटनास्थल से तीन उच्च शक्ति वाले हैंड ग्रेनेड, कुछ बुलेटप्रूफ प्लेट, तीन डेटोनेटर, चौदह हेलमेट, दो बाओफेंग हैंडसेट, और तीन बैग सहित विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद का एक बड़ा जखीरा भी बरामद किया गया।
सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी
अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान और क्षेत्र नियंत्रण जारी रखे हुए हैं। अधिकारी के अनुसार, मणिपुर के विभिन्न जिलों में, पहाड़ी और घाटी दोनों जगहों पर, शत्रुतापूर्ण तत्वों और संदिग्ध वाहनों की अवांछित और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कुल 115 नाके/चेकपॉइंट स्थापित किए गए थे। हालांकि, पिछले 12 घंटों के दौरान पुलिस ने किसी को भी नाकों/चेकपॉइंट पर हिरासत में नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने इम्फाल-जिरीबाम राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-37) पर आवश्यक वस्तुओं से लदे बड़ी संख्या में वाहनों को सुरक्षा प्रदान की है।
अफवाह फैलाने पर सख्त कार्रवाई- मणिपुर पुलिस
सभी संवेदनशील स्थानों पर कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं और वाहनों की निर्बाध और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील हिस्सों में सुरक्षा काफिला तैनात किया गया है। मणिपुर पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और झूठे वीडियो से सावधान रहने का आग्रह किया है। पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि किसी भी निराधार वीडियो, ऑडियो क्लिप आदि के प्रसार की सत्यता की पुष्टि केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से की जा सकती है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर कई फर्जी पोस्ट प्रसारित होने की भी संभावना है। इसके द्वारा यह चेतावनी दी जाती है कि सोशल मीडिया पर ऐसी फर्जी पोस्ट अपलोड करने और प्रसारित करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।