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भाई खालसा की अंतिम अरदास के अवसर पर चुनिंदा सदस्य शामिल होंगे

पद्मश्री निर्मल सिंह खालसा और पूर्व हुजूरी रागी श्री दरबार साहिब की मृत्यु के बाद जहां समस्त सिख पंथ में दुख की लहर पाई जा रही है वही उनके अंतिम संस्कार को लेकर वेरका गांव में किए गए विरोध के चलते समस्त सिख जगत में गुस्से की लहर है।

10:37 PM Apr 03, 2020 IST | Shera Rajput

पद्मश्री निर्मल सिंह खालसा और पूर्व हुजूरी रागी श्री दरबार साहिब की मृत्यु के बाद जहां समस्त सिख पंथ में दुख की लहर पाई जा रही है वही उनके अंतिम संस्कार को लेकर वेरका गांव में किए गए विरोध के चलते समस्त सिख जगत में गुस्से की लहर है।

भाई खालसा की अंतिम अरदास के अवसर पर चुनिंदा सदस्य शामिल होंगे
लुधियाना-अमृतसर : पद्मश्री निर्मल सिंह खालसा और पूर्व हुजूरी रागी श्री दरबार साहिब की मृत्यु के बाद जहां समस्त सिख पंथ में दुख की लहर पाई जा रही है वही उनके अंतिम संस्कार को लेकर वेरका गांव में किए गए विरोध के चलते समस्त सिख जगत में गुस्से की लहर है। 
देश विदेश की महत्वपूर्ण सिख हस्तियों ने निर्मल सिंह खालसा की देह को वेरका के गांव में अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ना दिए जाने की निंदा के बीच भाई झुझार सिंह हुजूरी रागी श्री सचखंड दरबार साहिब द्वारा निर्मल सिंह खालसा जैसी शख्सियत पर चले जाने पर दुख प्रकट किया वही उन्होंने कहा अंतिम संस्कार की विरोधता को लेकर उनके मन को ठेस पहुंची है, जिसके चलते उन्होंने कहा कि वह इस दुख की घड़ी में वेरका गांव के निवासियों द्वारा किए गए विरोध के चलते वह अपने अंतिम सांसों तक वेरका गांव में कभी भी कीर्तन नहीं जाएंगे।  
उधर निर्मल सिंह खालसा की अंतिम अरदास के वक्त चुनिंदा सदस्य ही शामिल हो सकेंगे। शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव डॉ रूप सिंह ने बताया कि इसके लिए उनकी भाई निर्मल सिंह खालसा के सुपुत्र अमितेश्वर सिंह से बात हुई है। उन्होंने कहा कि भाई खालसा पंथ की सतकार योग शख्सियत थे, जिनकी सेवाएं भुलाई नहीं जा सकती। उनका परिवार बहुत बड़े सदमे में है। 
उन्होंने कहा कि भाई साहिब के अंतिम संस्कार के वक्त अरदास के लिए मुख्य ग्रंथी भाई मलकीत सिंह को भेजा गया था, इसके साथ ही श्री अकाल तख्त साहिब और शिरोमणि कमेटी द्वारा दोशाले और सिरौपे के साथ भाई साहिब को अंतिम समय सत्कार दिया गया। भाई खालसा की याद में रखे गए अखंड पाठ साहिब का भोग 11 अप्रेल को डाला जाएंगा जबकि 9 अप्रेल को श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ होंगे। 
– सुनीलराय कामरेड
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