कैथोलिक बिशप का सनसनीखेज दावा- केरल में लव जिहाद से गैर मुस्लिमों को किया जा रहा है खत्म
केरल में एक कैथोलिक बिशप ने बृहस्पतिवार को यह कह कर विवाद छेड़ दिया कि राज्य में ईसाई लड़कियां बड़ी संख्या में ‘लव जिहाद एवं नार्कोटिक जिहाद’ के जाल में फंस रही हैं।
06:06 PM Sep 09, 2021 IST | Ujjwal Jain
Advertisement
केरल में एक कैथोलिक बिशप ने बृहस्पतिवार को यह कह कर विवाद छेड़ दिया कि राज्य में ईसाई लड़कियां बड़ी संख्या में ‘लव जिहाद एवं नार्कोटिक जिहाद’ के जाल में फंस रही हैं और जहां हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, वहां चरमपंथी अन्य धर्मों की युवतियों को बर्बाद करने के लिए ये हथकंडे अपना रहे हैं।
Advertisement
सायरो मालाबार चर्च से संबद्ध पाला बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट ने आरोप लगाया कि ‘लव जिहाद’ के तहत गैर मुस्लिम लड़कियों, विशेष रूप से ईसाई समुदाय की लड़कियों को प्रेम के जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण किया जा रहा है और शोषण किया जा रहा है तथा आतंकवाद जैसी विध्वंसक गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
Advertisement
वह कोट्टायम जिले में कुरूविलंगड में एक चर्च समारोह में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। बिशप ने दुनिया भर में और केरल में सांप्रदायिकता फैलाने, धार्मिक असौहार्द्र व असहिष्णुता बढ़ाने की कोशिश करने वाले जिहादियों की मौजूदगी के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि वे अन्य धर्मों को तहस-नहस करने के लिए अलग-अलग तरकीब अपना रहे हैं।
Advertisement
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस तरह की दो चीजें लव जिहाद और नार्कोटिक (मादक पदार्थ) जिहाद हैं। चूंकि जिहादी जानते हैं कि हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश में हथियारों के जरिए अन्य धर्मों के लोगों को बबार्द करना आसान नहीं है, इसलिए वे अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस तरह के अन्य हथकंडे अपना रहे हैं।’’
उन्होंने पूर्व पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा के हालिया बयानों को उद्धृत करते हुए कहा कि केरल आंतकवादियों का एक भर्ती केंद्र बन गया है और इस राज्य में चरमपंथी समूहों का एक भूमिगत प्रकोष्ठ मौजूद है। बिशप ने दावा किया कि राज्य की ईसाई और हिंदू लड़कियों का धर्मांतरण किया गया और उन्हें हाल ही में अफगानिस्तान में आतंकवादी शिविरों में भेजा गया। उन्होंने कहा कि इस विषय की गंभीरता से पड़ताल होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि राज्य में ‘लव जिहाद एवं नार्कोटिक जिहाद’ नहीं है वे सच्चाई से आंखें मूंद रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जो राजनेता, सामाजिक-सांस्कृतिक नेता व पत्रकार, इस तथ्य से इनकार कर रहे हैं, ऐसा करने में उनके निहित स्वार्थ हो सकते हैं।’’

Join Channel