Las Vegas में छाया भारत: Rameshkabu Pragnanandaha की जबरदस्त वापसी
2025 की शुरुआत में एक और बड़ी जीत दर्ज की। नई प्रतिभा, युवा ग्रैंडमास्टर Rameshkabu Pragnanandaha ने Las Vegas, में हुए फ्रीस्टाइल ग्रैंड स्लैम शतरंज प्रतियोगिता में विश्व नंबर एक Magnus Carlsen को मात दी। सफेद मोहरों के साथ खेले गए इस मुकाबले में प्राग्नानंदहा ने बेहद सशक्त अंदाज़ दिखाया और टूर्नामेंट में अपनी ‘व्हाइट ग्रुप’ की जिम्मेदारी निभाते हुए ग्रुप में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया। इस जीत के साथ उन्होंने सीधे क्वार्टरफाइनल में अपनी जगह पक्की कर दी।
युवा ग्रैंडमास्टर के लिए यह कोई पहली बड़ी सफलता नहीं है, लेकिन दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में से एक कार्लसन पर यह जीत खास मायने रखती है। इससे पहले परस में हुई एक लेग में नौवें स्थान पर रहने के बाद यह एक शानदार वापसी साबित हुई।
कार्लसन ग्रैंड स्लैम टूर में अब तक कुल मिलाकर टॉप पर थे। वे पहले हुए Karlsruhe और Paris के टूर्नामेंट जीत चुके थे, और पहली लेग वेस्सेनहाउस (जर्मनी) में तीसरे स्थान पर रहे थे।
लेकिन लास वेगास में नेवाडा ग्रुप स्टेज में उन्हें बड़ी हार मिली। ग्रुप में प्राग्नानंदहा और वेस्ली सो से लगातार हारने के बाद, कार्लसन Levon Aronian. से tiebreaker में भी हार गए और पाँचवें नंबर पर आ गए। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था और प्राग्नानंदहा जैसे युवा खिलाड़ी के लिए यह एक बड़ी सफलता थी।
प्राग्नानंदह ने चार खेलों में 4.5 अंक ले लिए, जिससे उनकी क्वार्टरफाइनल में जगह पक्की हो गई। फॉर्मेट के अनुसार आठ ग्रैंडमास्टरों की दो ग्रुप हैं — व्हाइट ग्रुप और ब्लैक ग्रुप। हर ग्रुप से टॉप चार खिलाड़ी आगे के चैम्पियनशिप ब्रैकेट में जाते हैं, जबकि बाकी नीचे के ब्रैकेट में हो जाते हैं। प्राग्नानंदहा ने कार्लसन के अलावा विन्सेंट केमर और डब्ल्यूजीएम बिबिसारा अस्सुबायेवा जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर अपना स्थान मजबूत किया।
इसी टूर्नामेंट में एक और भारतीय, अर्जुन एरिगैसी, ब्लैक ग्रुप से तीसरे स्थान पर क्वालिफाई कर गए। वे अब हिकारु नौकामुरा और हंस नीमन के पीछे हैं। लेकिन विदित गुजारी ने इस ग्रुप में खराब प्रदर्शन करते हुए सबसे नीचे का स्थान हासिल किया और अगले राउंड में जगह नहीं बना पाए।
प्राग्नानंदहा की यह जीत यह साबित करती है कि शतरंज में युवा प्रतिभाओं की चमक अब विश्व स्तर पर देखी जा रही है। कार्लसन की हार और युवा भारतीयों की ताबड़तोड़ वापसी इस टूर्नामेंट को रोमांचक बना रही है।
प्राग्नानंदहा की अपार मेहनत, रणनीति और आत्मविश्वास ने उन्हें एक नए मुकाम तक पहुंचाया है। आगामी क्वार्टरफाइनल में उनके सामने कौन होगा और वे कैसे प्रदर्शन करते हैं, यह देखने लायक होगा। लास वेगास में भारतीय शतरंज की यह सफलता निश्चित रूप से उत्साहजनक है और उम्मीद है कि आगे भी यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहेगा।