Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

शाहनवाज हुसैन को मिली राहत, कोर्ट ने रेप मामले में जारी समन पर रोक लगाई

04:30 PM Oct 18, 2023 IST | Prateek Mishra

दिल्ली की एक अदालत ने कथित बलात्कार और धमकी के एक मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी समन पर रोक लगा दी है। राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता के आदेश के खिलाफ हुसैन द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिन्होंने उन्हें बलात्कार (भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दंडनीय) और आपराधिक धमकी (धारा 506) के अपराधों का संज्ञान लेने के बाद 20 अक्टूबर को उनके सामने पेश होने का निर्देश दिया था।

मेहता ने पुलिस की रद्दीकरण रिपोर्ट के खिलाफ शिकायतकर्ता महिला की विरोध याचिका पर हुसैन के खिलाफ समन जारी किया था। शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भरोसा किया था, जिसने अदालत को दिखाया कि यदि अभियोजक की एकमात्र गवाही विश्वसनीय है, तो आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त है। मेहता ने कहा था, इसलिए यह कहना सुरक्षित है कि अभियोजक की लगातार एकमात्र गवाही आरोपी को बुलाने और मामले को सुनवाई के लिए ले जाने के लिए पर्याप्त है।

विशेष अदालत के समक्ष, हुसैन ने दावा किया है कि मेहता ने केवल अभियोजक द्वारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए गए बयान के आधार पर अपराधों का संज्ञान लिया। हालांकि, यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त अन्य मौखिक या दस्तावेजी सबूत हैं कि नशे की लत या अभियोक्ता के साथ बलात्कार की ऐसी कोई घटना वास्तव में नहीं हुई थी। अब जज नागपाल ने भी याचिका पर शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर 8 नवंबर तक जवाब मांगा है।

न्यायाधीश ने कहा, पुनरीक्षण याचिका का नोटिस दोनों प्रतिवादियों को 8 नवंबर, 2023 के लिए सभी निर्धारित तरीकों से जारी करने का निर्देश दिया जाता है और यह निर्देश दिया जाता है कि प्रतिवादी नंबर 2, यानी अभियोजक को नोटिस आईओ (जांच अधिकारी) के माध्यम से दिया जाए। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील द्वारा की जा रही दलीलों के मद्देनजर यह भी निर्देश दिया जा रहा है कि तब तक मामले में लागू आदेश और आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि हुसैन ने उसे नशीला पदार्थ दिया और अप्रैल 2018 में राष्ट्रीय राजधानी के एक फार्महाउस में उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर कर एफआईआर रद्द करने की मांग की थी, जिसके खिलाफ शिकायतकर्ता महिला ने विरोध याचिका दायर की थी।

मेहता ने पुलिस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि रद्दीकरण रिपोर्ट दाखिल करते समय जांच अधिकारी द्वारा उठाए गए मुद्दे ऐसे मामले हैं जिन पर सुनवाई के दौरान फैसला किया जा सकता है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने शाहनवाज और उनके भाई शाहबाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के सेशन कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया था। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर देने के बाद मामले को नए फैसले के लिए सत्र अदालत में वापस भेज दिया। पीठ ने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 376, 295ए, 493, 496, 506, 509, 511 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देते समय ट्रायल कोर्ट ने हुसैन और उनके भाई को नहीं सुना था।

Advertisement
Advertisement
Next Article