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Shani Amavasya 2025 Kab Hai: इस दिन होगी खास अमावस्या, इन गलतियों से रहे दूर वरना नाराज होंगे शनिदेव

02:53 PM Aug 21, 2025 IST | Khushi Srivastava
Shani Amavasya 2025 Kab Hai

Shani Amavasya 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का खास महत्व होता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसलिए लोग अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण करते हैं। जब अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है (Shani Amavasya 2025 Kab Hai) तो इसे शनि अमावस्या कहते हैं। शनि अमावस्या का महत्व ज्यादा होता है। इस साल के आखिरी शनि अमावस्या का शुभ संयोग 23 अगस्त के दिन बन रहा है।

सनातन धर्म में इस दिन का खास महत्व होता है। क्योंकि हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना गया है। कुछ मान्यताओं के अनुसार शनि अमावस्या के दिन विधि-विधान से शनिदेव की अराधना करने से शनि दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। हालांकि शास्त्रों के अनुसार शनि अमावस्या के दिन लोगों को कुछ गलतियों को करने से बचना। अन्यथा (Shani Amavasya 2025 Kab Hai) शनि देव नाराज हो सकते हैं और आपके काम बिगड़ सकते हैं।

शनि अमावस्या के दिन भूलकर न करें ये गलतियां? (Shani Amavasya 2025 Kab Hai)

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Shani Amavasya 2025 Kab Hai

शनि अमावस्या व्रत (Shani Amavasya 2025 Kab Hai)

Shani Amavasya 2025 Kab Hai

शनि अमावस्या के दिन व्रत रखने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन व्रत रखने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है (shani amavasya vrat 2025) और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। शनि अमावस्या के दिन लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं, सूर्य को अर्घ्य देते हैं, शनि देव को तेल और तिल चढ़ाते हैं, शनि चालीसा का पाठ करते और पितरों की शांति के लिए गरीबों को अन्न और वस्त्र दान भी करते हैं।

इस दिन (Shani Amavasya 2025 Kab Hai) शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने और सात बार उसकी परिक्रमा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इस दिन आप ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें और शनि चालीसा का पाठ करें।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह लेख पूरी तरह से मान्यताओं पर आधारित है।

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