
कहते हैं कि शनि देव हर किसी को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।शनि का नाम सुनते ही लोग भयभीत हो जाते हैं।लेकिन सत्यता ये है कि शनि सभी को परेशान नहीं करते हैं।आइए जानते है शनि देव की 3 सबसे प्यारी राशियाें के बारे में।
पृथ्वी पर मौजूद हर मनुष्य के अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब शनि के पास होता है।लोगों की धारणा है कि शनि देव इन अवस्था में बुरे फल प्रदान करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, विशेष परिस्थितियों में शनि शुभ फल भी प्रदान करते हैं।इसी कारण शनिदेव को दंडाधिकारी या फिर कलयुग के न्यायाधीश के रूप में भी जाना गया है।

शनि की तीन राशियां सबसे प्रिय मानी जाती हैं। ये राशियां हैं मकर, कुंभ और तुला।
मकर और कुंभ इसलिए हैं क्योंकि शनि देव इन राशियों के स्वामी कहे जाते हैं। वहीं तुला शनि की उच्च राशि मानी जाती है।कुंभ राशि के जाीतकों को शनि देव मान-सम्मान और धन भी प्रदान करते हैं।कुंभ राशि के स्वामी भी शनि देव हैं। लिहाजा इस राशि वालों पर शनि की विशेष कृपा रहती है। ये अच्छे लीडर बनते हैं और जीवन में ऊंचा पद, ख्याति पाते हैं। शनि की मेहरबानी इन्हें कई कष्टों से बचाए रखती है।

मकर राशि- इस राशि के लोग यदि नियमों का पालन करते हैं और दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं तो शनि देन इन राशि वालों को मान सम्मान और धन भी प्रदान करते हैं।ये जातक यदि दूसरों का भला करते हैं, उनकी उन्नति में सहायक बनते हैं तो शनि अप्रत्याशित फल प्रदान करते हैं. ऐसे लोग जीवन में उच्च पद पाते हैं।
तुला राशि-तुला राशि वाले यदि दूसरों का भला करते हैं तो यह उनकी उन्नति में उनके सहायक बनते हैं। यदि तुला राशि के जातक अपने कर्म अच्छे रखें तो शनि उन्हें अप्रत्याशित फल भी प्रदान करते हैं और उन्हें अपने जीवन में उच्च पद प्राप्त होते हैं। यही नहीं शनि इन राशियों को लाभ के साथ और भाग्य में वृद्धि करते हैं। व्यापार में अच्छा समय लाते हैं।