Shani Dev Ke 10 Naam: शनि देव के इन 10 नामों का करें जाप, दूर होंगे सारे कष्ट
Shani Dev Ke 10 Naam: हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता माना जाता है। वे सूर्य देव और छाया (संख्या) के पुत्र हैं। शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, यदि कर्म अच्छे हों तो वे सफलता और सम्मान प्रदान करते हैं, और यदि कर्म बुरे हों तो दंड भी देते हैं। ज्योतिष के अनुसार, शनि का संबंध अनुशासन, कठोर परिश्रम, धैर्य और न्याय से है। शनि की महादशा, साढ़ेसाती या ढैया के समय व्यक्ति अनेक कष्टों का सामना कर सकता है, लेकिन यदि सही तरीके से उनकी पूजा और नाम-जाप किया जाए, तो उनके कष्टकारी प्रभाव को कम किया जा सकता है।
Shani Dev Ke 10 Naam
1. कोणस्थ – यह नाम शनि देव के उस रूप का द्योतक है जिसमें वे त्रिकोण आकार के आसन पर विराजमान रहते हैं।
2. पिङ्गलो (पिंगलो) – इसका अर्थ है तांबे या सुनहरे रंग के प्रभामंडल वाले।
3. बभ्रुः – यह नाम उनके गहरे काले वर्ण को दर्शाता है।
4. कृष्णः – श्यामवर्ण धारण करने वाले, जो अपनी गंभीरता और तेज से दुष्टों का नाश करते हैं।
5. रौद्रान्तकः– पापियों और अन्याय करने वालों के लिए भयावह और उनका अंत करने वाले।
6. शनि – धीरे-धीरे गति करने वाले ग्रह, जो व्यक्ति के जीवन के हर पहलू का मूल्यांकन करते हैं।
7. सौरिः– सूर्यपुत्र, यानी सूर्य देव के वंशज।
8. मन्दः – जिनकी चाल धीमी है, लेकिन परिणाम स्थायी और गहन होते हैं।
9. यम – न्याय देने वाले, जो अच्छे कर्मों को पुरस्कृत करते हैं और बुरे कर्मों का दंड देते हैं।
10. पिप्पलाद – जो पवित्र पीपल वृक्ष के समीप वास करते हैं और वहीं से अपनी शक्ति का संचार करते हैं।
नाम-जाप का महत्व
शनि देव के इन 10 नामों का जाप करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं
शनि दोष में राहत
जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो, उनके लिए यह जाप अत्यंत फलदायी है।
न्याय और सत्य के मार्ग पर प्रेरणा
यह जाप व्यक्ति को गलत रास्ते से हटाकर सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश
जीवन में बाधाएं, शत्रु और नकारात्मक शक्तियां कमजोर पड़ती हैं।
मानसिक शांति और धैर्य
नियमित जाप से मन स्थिर होता है और कठिन परिस्थितियों में धैर्य बढ़ता है।
धन और समृद्धि में वृद्धि
कर्म सुधार के साथ-साथ आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।
जाप करने की सही विधि
1. उपयुक्त दिन और समय
शनिवार का दिन शनि देव के पूजन और जाप के लिए सबसे श्रेष्ठ है। सूर्योदय के बाद स्नान कर स्वच्छ काले या नीले वस्त्र पहनें फिर पूजन करें।
2. पूजन सामग्री
शनि देव को काला तिल, सरसों का तेल, नीला या काला फूल, उड़द की दाल, और पीपल के पत्ते अर्पित करें।लोहे के पात्र में तेल भरकर उसमें शनि देव का प्रतिबिंब देखकर जल चढ़ाएं।
3. जाप प्रक्रिया
पूजा स्थान पर शनि देव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप 108 बार करें। इसके बाद शनि देव के 10 नाम एक-एक करके उच्चारित करें और प्रत्येक नाम के बाद “नमः” कहें।
4. विशेष ध्यान
जाप हमेशा एकाग्र मन से और शांत वातावरण में करें। जाप के बाद जरूरतमंदों को काले वस्त्र, तिल, उड़द दाल या तेल का दान करें।
शनि के बड़े प्रभाव
शनि का प्रभाव ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, और इसे एक शक्तिशाली ग्रह भी माना जाता है। यह न केवल व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयों और चुनौतियों का कारक हो सकता है, बल्कि यह व्यक्ति को मजबूत भी बना सकता है, उसे कर्म और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर सकता है।
शनि की साढ़े साती:यह ऐसा समय है जब शनि आपकी जन्म राशि से 12वें, पहली और दूसरी राशि पर गोचर करता है। ये समय 7.5 वर्षों तक चलता है। इस दौरान व्यक्ति को कई चुनौतियों जैसे-आर्थिक, मानसिक और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शनि की ढैय्या: इस समय शनि आपकी जन्म राशि से चौथी और आठवीं राशि में गोचर करता है। यह समय 2.5 वर्षों तक चलता है, इसके प्रभाव भी साढ़े साती के समान ही होते हैं।
Disclaimer: इस लेख में बताई गए तरीके और सुझाव सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है, Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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