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Sharad Purnima 2025 Kab Hai: कब मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

12:51 PM Sep 11, 2025 IST | Shweta Rajput
Sharad Purnima 2025 Kab Hai

Sharad Purnima 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का काफी बड़ा महत्व है। इस पर्व को सनातन धर्म में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन पूरे विधि-विधान से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके साथ ही शरद पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने की भी काफी मान्यता है।

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है। लेकिन इस साल लोगों को शरद पूर्णिमा की सही तिथि को लेकर काफी कन्फ्यूजन हो रही है। आइए जानते हैं की शरद पूर्णिमा की सही तिथि कौन सी है और इसका शुभ मुहूर्त और इस दिन का हिंदू धर्म में क्या महत्व है।

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Sharad Purnima 2025 Kab Hai: जानें शरद पूर्णिमा की सही तिथि

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Sharad Purnima 2025 date & time

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 2025 में 08 सितंबर से अश्विन माह की शुरुआत हो गई है। हिंदू धर्म में इस माह को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह को बेहद ही खास माना जाता है। बता दें कि मां दुर्गा और पितरों की पूजा-अर्चना भी आश्विन माह में ही की जाती है।

जब इस माह की समाप्ति होती है तो इस माह के आखिर में शरद पूर्णिमा का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 2025 में शरद पूर्णिमा का पर्व 06 अक्टूबर के दिन मनाया जएगा।

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Sharad Purnima 2025 Shubh Muharat: जानें शरद पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त

Sharad Purnima 2025 Shubh Muharat

वैदिक पंचांग के अनुसार 6 अक्टूबर, सोमवार के दिन शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाने वाला है। इस दिन की शुरुआत यानी आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 06 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं 07 अक्टूबर को सुबह को 09 बजकर 16 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी।

इस दिन चंद्रोदय शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा आश्विन माह के महत्वपूर्ण पर्वों में से होता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। बता दें कि इस दिन के बाद से कार्तिक माह की शुरुआत हो जाती है।

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Sharad Purnima Ka Mahatav: जानें शरद पूर्णिमा का क्या है महत्व

Sharad Purnima Ke Mahatav

सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का काफी बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। शरद पूर्णिमा के शुभ दिन पर श्रीहरि और मां लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा की रात के समय चन्द्रमा की रौशनी के सामने खीर रखी जाती है।

इसके बाद जब उस खीर पर चन्द्रमा की रोशनी पड़ती है तो वह खीर भी अमृत समान ही हो जाती है। इसके बाद उसका सेवन किया जाता है जिससे कई लाभ मिलते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी कई उपाय करते हैं। इस दिन लोग आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना करते हैं और देवी लक्ष्मी को कमल का फूल और नारियल चढ़ाते हैं।

शरद पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान किया जाता है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा श्री कृष्ण के साथ इसलिए जुड़ा है क्योंकि इसी पावन रात्रि पर भगवान कृष्ण ने वृन्दावन में गोपियों के साथ दिव्य 'महारास' किया था। इस अलौकिक 'रासलीला' को महारास या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, जो आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है।

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