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छोटे शेयरों हुई बड़ी गिरावट, अब मिलेगा कमाई का जबरदस्त मौका

10:50 AM Mar 14, 2024 IST | Aastha Paswan

Share Market: बुधवार और गुरुवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखको मिल रही है। वहीं गिरावट के बाद ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में मौजूदा गिरावट को लेकर कई अहम बातें कही गई है। एनालिस्ट ने बताया है कि ये कैसे 2018 की बड़ी गिरावट से अलग है। इस गिरावट के बाद आप इसका फायदा उठा सकते हैं।

Highlights

हाल ही में मिडकैप और स्मॉलकैप स्पेस में काफी गिरावट देखने को मिली है। बाजार में बुधवार को बिकवाली के कारण कुल मार्केट कैप में ₹14 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। हालांकि, इसके के बीच ब्रोकरेज फर्म Jefferies का मानना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्पेस में देखी गई हालिया गिरावट "मंदी" नहीं है, बल्कि यह सिर्फ एक "करेक्शन" है। फर्म ने यह भी कहा कि मौजूदा समय में 2018 जैसी स्थिति पैदा नहीं होगी, जहां स्मॉलकैप इंडेक्स में 45% से ज्यादा की गिरावट आई थी।

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ब्रोकरेज का मानना है कि छोटे और मिडकैप वॉल्यूम में उछाल और म्यूचुअल फंड स्कीम्स में जारी बढ़ोतरी के चलते बड़े मार्केट्स में ज्यादा करेक्शन संभव है, लेकिन यह एक अच्छा करेक्शन है और कोई बड़ा मंदी नहीं है।

Jefferies ने दिया बयान

Jefferies ने कहा, एक मजबूत कैपेक्स साइकिल, कई छोटे और मिडकैप को एक आकर्षक लॉन्ग-टर्म विकल्प बना रहा है। आगे कहा कि वह इस करेक्शन के तहत प्रॉपर्टी डेवलपर्स, इंडस्ट्रियल और बिजली कंपनियों एवं चुनिंदा पब्लिक सेक्टर कंपनियों पर दांव लगाना जारी रखेगा। पिछले कुछ ट्रेडिंग सेशंन में मार्केट करेक्शन मोड में रहा है। निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 8 फरवरी के अपने शिखर से 12% नीचे है, जबकि मिडकैप इंडेक्स 49,780 के अपने शिखर से 7% नीचे है।

Jefferies का मानना है कि सेबी चेयरपर्सन के छोटे और मिडकैप स्पेस में 'Froth' वाले बयान के कारण फंडामेंटल्स वैल्युएशन को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। देश के पांचवें सबसे बड़े म्यूचुअल फंड की तरफ से मिड और स्मॉलकैप स्कीम्स में एकमुश्त फ्लो को निलंबित करने से सुधार शुरू हो सकता है।

इसके अलावा सेबी और AMFI ने फंड हाउसेज को स्ट्रेस टेस्ट रिजल्ट पर खुलासे के साथ-साथ वैल्युएशन, वोलैटिलिटी, इन्वेस्टर कंसंट्रेशन और छोटे एवं मिड-कैप शेयरों में फीसदी हिस्सेदारी के संबंध में एक्स्ट्रा डिस्क्लोजर प्रदान करने का भी निर्देश दिया है।

क्या है दिग्गजों का कहना

कोटक महिंद्रा AMC के नीलेश शाह ने कहा, "एक बात मैं सभी को आश्वस्त कर सकता हूं कि स्ट्रेस टेस्ट इस सुधार का कोई कारण नहीं देंगे। यह म्यूचुअल फंड के स्ट्रेस टेस्ट के बजाय ज्यादतियों को दूर करने जैसा है। इस स्ट्रेस टेस्ट ने उन रिटेल इन्वेस्टर्स को फायदा पहुंचाया है, जो खराब क्वॉलिटी वाले शेयरों में चले गए थे और हम कुछ समय से कह रहे हैं कि कुछ स्टॉक अपने फंडामेंटल्स से कहीं आगे हैं। यह उनका स्ट्रेस है और दुर्भाग्य से वे अपने स्ट्रेस टेस्ट में असफल हो रहे हैं।"

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