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Mutual Fund इंडस्ट्री पर SEBI ने उठाए सवाल, कहा- खतरे में है निवेशकों की सुरक्षा

11:13 AM Mar 29, 2024 IST | Aastha Paswan

Share Market Latest News: SEBI ने Mutual Fund इंडस्ट्री की बिक्री पर सवाल उठाए हैं। मार्केट रेग्युलेटर ने ऐसे मामलों का खुलासा किया है, जहां ज्यादा रिस्क और अस्थिरता वाले स्मॉल-कैप फंड्स सीनियर और सुपर सीनियर इन्वेस्टर्स को बेच दिए गए हैं, जिससे उन्हें अनुचित रिस्क का सामना करना पड़ रहा है।

Highlights

मार्केट का म्यूचुअल फंड सेगमेंट मौजूदा समय में काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच निवेशकों के हित की रक्षा के लिए मार्केट रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) सतर्कता बरतता हुआ नजर आ रहा है। हाल ही में SEBI ने कई Mutual Fund हाउसों को लेटर लिखकर म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट्स की गलत बिक्री पर सवाल उठाए हैं। इस लेटर में कम रिस्क सहन करने वाले निवेशकों को ज्यादा रिस्क वाले म्यूचुअल फंड बेचने के पर चिंताएं व्यक्त की गई हैं। SEBI फिलहाल कुछ केटेगरीज के फंड्स की जांच कर रहा है। इनमें ज्यादा रिस्क वाले जैसे स्मॉल कैप फंड्स विशेष रूप से शामिल हैं।

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इससे पहले सेबी ने स्मॉल कैप स्पेस में 'froth' को लेकर चिंताएं जाहिर की थी और म्यूचुअल फंड हाउसों को अपनी स्मॉल कैप स्कीम्स पर स्ट्रेस टेस्ट करने और रिजल्ट पब्लिक करने के लिए कहा था। स्ट्रेस टेस्ट यह बताएगा कि गेन्स को कम किए बिना स्मॉल और मिड-कैप पोर्टफोलियो के 50% और 25% को बेचने में कितना समय लगेगा।

कम रिस्क करने वाले निवेशकों को बेचें जा रहे

सूत्रों से पता चला है कि SEBI ने हाल ही में अलग-अलग म्यूचुअल फंड हाउसों से इंडस्ट्री में देखे जाने वाले बिक्री के तरीकों के बारे में आशंका व्यक्त की है। दरअसल, कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जहां ज्यादा रिस्क वाले म्यूचुअल फंड्स की मार्केटिंग की जा रही है और कम रिस्क सहन करने वाले निवेशकों को बेचें जा रहे हैं। इससे निवेशकों की सुरक्षा के बारे में सवाल उठ रहे हैं।

लेनदेन के बारे में सवाल

मार्केट रेग्युलेटर ने ऐसे मामलों का खुलासा किया है, जहां ज्यादा रिस्क और अस्थिरता वाले स्मॉल-कैप फंड्स सीनियर और सुपर सीनियर इन्वेस्टर्स को बेच दिए गए हैं, जिससे उन्हें अनुचित रिस्क का सामना करना पड़ रहा है।

SEBI से उनसे उन लेनदेन के बारे में सवाल किया है, जहां रिटायर्ड निवेशकों ने स्मॉल कैप फंड में निवेश किया है। भले ही इनमें से ज्यादातर लेनदेन थ्रूपुट डिस्ट्रीब्यूटर्स के माध्यम से होते हैं, लेकिन SEBI चाहता है कि फंड हाउस लेनदेन और रिस्क मिसमैच पर नजर रखे।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है।

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