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भारत-नेपाल दोस्ती की बस अयोध्या पहुंची, CM ने बस की आगुवाई

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10:07 AM May 12, 2018 IST | Desk Team

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भारत नेपाल दोस्ती की बस अयोध्या पहुंची  cm ने बस की आगुवाई
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नई दिल्ली/फैजाबाद: भारत और नेपाल की दोस्ती की जनकपुर से चली बस की आज शनिवार (12 मई) को मुख्यंंमत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पहुचने पर उनकी आगुवाई की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  अयोध्या के रामकथा पार्क में जनकपुर- सीतामढ़ी-अयोध्या सीधी बस सेवा का स्वागत ‌किया। शुक्रवार देर रात बस गोरखपुर पहुंची, जहां यात्रियों का भव्य स्वागत हुआ। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश नेपाल की दो दिनी यात्रा के पहले दिन (शुक्रवार) को जनकपुर में इस बस सेवा का शुभारंभ किया था। स्वागत समारोह को ऐतिहासिक बनाने की कवायद जोरों पर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा को उन्होंने अपनी सरकार की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति करार दिया है।

यह मैत्री बस अलग-अलग मार्गों से होते हुए आज सुबह अयोध्या पहुंची। इसकी अगुवानी अयोध्या के रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। सीता जी की ससुराल पहुंचने वालों प्रतिनिधियों के स्वागत समारोह को ऐतिहासिक बनाने की कवायद जोरों पर है। अयोध्या और जनकपुर की थीम पर झांकी सजाई गई ।

CM करेंगे ‘स्पेशल कवर’ का अनावरण
इस दौरान मुख्यमंत्री अयोध्या भ्रमण के दौरान भारतीय डाक विभाग की ओर से प्रकाशित ‘स्पेशल कवर’ का अनावरण भी करेंगे। ये स्पेशल कवर पिछले साल दीपावली के मौके पर अयोध्या में सरयू तट पर आयोजित ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम पर आधारित है। डाक विभाग का ये प्रकाशन अयोध्या की वैश्विक पहचान स्थापित कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना है।

रामायण सर्किट में 15 स्थल
इस बस सेवा को शुरू करने का उद्देश्य सीता के मायके से उनके ससुराल (अयोध्या) को जोड़ना है। जनकपुरधाम और अयोध्या रूट रामायण सर्किट का हिस्सा है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने रामायण सर्किट परियोजना के तहत विकास के लिए 15 स्थलों- अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्यप्रदेश), महेंद्रगिरि (ओडिशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र), भद्रचलम (तेलंगाना), हंपी (कर्नाटक) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) का चयन किया है। इस बस सेवा के जरिए श्रद्धालु भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या धाम और माता जानकी की जन्मस्थली जनकपुर धाम के बीच की 520 किलोमीटर की दूरी को सरलता और सुविधापूर्ण ढंग से तय कर सकेंगे।

 

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