शशि थरूर ने तिरुवनंतपुरम रैगिंग घटना को बताया भयावह, सामाजिक मूल्यों पर दिया जोर
तिरुवनंतपुरम रैगिंग घटना पर शशि थरूर की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को करियावट्टम के सरकारी कॉलेज में कथित रैगिंग की घटना पर चिंता व्यक्त की, इसे भयावह बताया। उन्होंने सामाजिक मूल्यों को बनाए रखने और व्यवहारिक मानकों को स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो अकेले ही हमारी सभ्यता के अस्तित्व और प्रगति की गारंटी देंगे।
अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा कि “आज की ख़बरों में एक और मामला, इस बार तिरुवनंतपुरम से, भयावह। बुराई स्पष्ट रूप से हमारे समाज की सतह से बहुत दूर नहीं है। ज़िम्मेदार वयस्कों के लिए चुनौती इसे खत्म करना और व्यवहारिक मानकों को स्थापित करना है, जो अकेले ही हमारी सभ्यता के अस्तित्व और प्रगति की गारंटी देंगे।”
यह घटना तिरुवनंतपुरम के करियावट्टोम स्थित सरकारी कॉलेज में एक जूनियर छात्र की रैगिंग करने के आरोप में सात छात्रों को निलंबित किए जाने के बाद हुई है। पीड़ित छात्रों में से एक ने कहा कि “मैंने अपना बयान दे दिया है और पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।” छात्र के पिता के अनुसार रैगिंग के दौरान पीड़ित छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया और उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि “दोस्तों के बीच झगड़ा हुआ था। रैगिंग हुई है। उस पर गंभीर हमला हुआ और उसका इलाज चल रहा है। हमने पुलिस को इसकी जानकारी दे दी है।”
इससे पहले मंगलवार को केरल के उच्च शिक्षा और सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. आर बिंदु ने कहा कि उन्होंने कॉलेजिएट शिक्षा निदेशालय से रिपोर्ट मांगी है।उन्होंने कहा कि वे परिसरों में रैगिंग गतिविधियों को रोकने के लिए राज्य स्तरीय एंटी-रैगिंग सेल बनाने की योजना बना रहे हैं। बिंदु ने संवाददाताओं से कहा कि “मैंने कॉलेजिएट शिक्षा निदेशालय से रिपोर्ट मांगी है और कॉलेज स्तर पर एंटी-रैगिंग सेल ने भी इससे संबंधित प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबंध में सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह विशेष घटना उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले कॉलेज में हुई। इसलिए, ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करना हमारा दायित्व है। एंटी-रैगिंग सेल की ओर से तत्काल हस्तक्षेप किया गया और कथित छात्रों को पहले ही कैंपस से निलंबित कर दिया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि “हम कैंपस में रैगिंग गतिविधियों को रोकने के लिए एक राज्य स्तरीय एंटी-रैगिंग सेल बनाने की योजना बना रहे हैं। अभी हमारे पास केवल 3-स्तरीय प्रणाली है, हमारे पास कॉलेज, विश्वविद्यालय और यूजीसी स्तर पर एंटी-रैगिंग सेल हैं। अब कैंपस से कुछ घटनाएं सामने आ रही हैं। इसलिए, हमने एंटी-रैगिंग सुनिश्चित करने के लिए एक राज्य स्तरीय सेल बनाने का फैसला किया है।”