'वो खुद महिला विरोधी हैं, उन्होंने एक परिवार...', महुआ मोइत्रा पर ये क्या बोल गए Kalyan Banerjee?
Kalyan Banerjee: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दो बड़े नेताओं, महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी के बीच लंबे समय से चल रही तकरार एक बार फिर उभरकर सामने आ गई है. कोलकाता लॉ कॉलेज में हुई गैंगरेप की घटना पर दोनों नेताओं की प्रतिक्रियाओं से मामला फिर गरम हो गया है.इस पूरे विवाद की शुरुआत TMC सांसद कल्याण बनर्जी के एक बयान से हुई, जिसमें उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पीड़िता को ही दोषी ठहराते हुए कहा था कि महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे किन लोगों के साथ बाहर जाती हैं. इस बयान की पार्टी ने आलोचना नहीं की, लेकिन इसे उनका निजी विचार बताया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महुआ मोइत्रा ने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि महिलाओं के खिलाफ ऐसी मानसिकता पार्टी लाइन से ऊपर है. उन्होंने यह भी कहा कि TMC की विशेषता यह है कि वह इस तरह की टिप्पणियों की आलोचना करती है.
कल्याण बनर्जी ने महुआ पर साधा निशाना
महुआ की टिप्पणी का जवाब देते हुए कल्याण बनर्जी ने उनकी निजी जिंदगी पर हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि महुआ ने बीजू जनता दल (BJD) के पूर्व सांसद पिनाकी मिश्रा से शादी की है और इस शादी के लिए उन्होंने 40 साल पुराना एक परिवार तोड़ दिया.
कल्याण ने कहा, “महुआ अपने हनीमून के डेढ़ महीने बाद भारत लौटीं और मुझसे लड़ाई शुरू कर दी. वह मुझ पर महिला विरोधी होने का आरोप लगा रही हैं, लेकिन खुद उन्होंने एक ऐसी महिला का घर तोड़ा, जो 40 साल से शादीशुदा थी. क्या यह महिला विरोध नहीं है?”
“मैं महिलाओं का विरोधी नहीं'
कल्याण बनर्जी ने खुद को महिलाओं का समर्थक बताते हुए कहा कि वे महिलाओं के मुद्दों पर सबसे अधिक बोलते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महुआ अपने क्षेत्र कृष्णनगर में किसी दूसरी महिला नेता को उभरने नहीं देतीं. उन्होंने कहा, “मैं महिलाओं से नफरत नहीं करता, लेकिन अगर कोई महिला दूसरी महिला की शादी तुड़वाकर खुद उस व्यक्ति से शादी कर ले, तो क्या वह महिला-विरोध नहीं है?”
TMC में अंदरूनी कलह उजागर
इस ताजा विवाद ने एक बार फिर दिखा दिया है कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर गुटबाजी और आपसी संघर्ष किस हद तक बढ़ चुका है. पहले भी कई बार महुआ और कल्याण के बीच तीखी बहस हो चुकी है.यह मामला न सिर्फ पार्टी की छवि पर असर डाल रहा है, बल्कि महिलाओं से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर नेताओं की सोच को भी उजागर कर रहा है.