बुरे किरदार वाले सिखों के विरूद्ध शिरोमणि कमेटी करेंगी कार्यवाही
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लुधियाना- अमृतसर : पंजाब के हाई-प्रोफाइल अश्लील वीडियो मामले के फंसे चीफ खालसा दीवान के 82 वर्षीय पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह चड्ढा की मुश्किलें निकट भविष्य में बढऩे की संभावना है। फिलहाल उनकी मुसीबतें कम होती नहीं दिखाई दे रही है। मंगलवार को एसजीपीसी कार्यकारिणी ने सिख आगुओं पर लगे शारीरिक शोषण और अन्य अनैतिकता के इलजामों के दाग धोने के लिए दोषियों को सख्त सजा देने का प्रस्ताव पास करके श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को अपील की है कि ऐसे सिख धार्मिक नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
एसजीपीसी प्रधान गोविन्द सिंह लोंगोवाल की अध्यक्षता में एसजीपीसी मुख्यालय परिसर में तीन घंटे चली बैठक के बाद प्रधान लोंगोवाल ने कहा कि सिख नेताओं की इस तरह की कार्रवाईयों से सिख कौम व एसजीवीसी की छवि धूमिल होती है। भविष्य में कोई भी सिख नेता ऐसी करतूतों से गुरेज करे, इसके लिए श्री अकाल तख्त को सख्त एक्शन लेने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सिख किरदारों को बुरे व्यवहारों से बचना चाहिए। उन्होंने माना कि बीते वक्त कुछ समय में सिख आगुओं द्वारा समाज में किए गए अनैतिक कार्यो के कारण सिखों के किरदार को काफी चोट पहुंची है और नौजवानों विशेषकर बच्चों की मानसिकता पर इसका बुरा असर भी हुआ है।
उन्होंने कहा कि इतिहास में सिखों के किरदार की मजबूती और उच्च उदाहरणों और नैतिक गुणों के कारण पूरी दुनिया में सिखों की अलग उच्च पहचान स्थापित हुई थी। परंतु घटित घटनाओं ने समूची कौम को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी द्वारा पारित प्रस्ताव की कापी अकालतख्त के जत्थेदार गुरबचन सिंह को जल्द भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के खिलाफ श्री अकालतख्त द्वारा कार्रवाई कर उनको बायकाट करने का फरमान जारी किया गया है, इसी तरह का आदेश चड्ढा के मामले में भी की जानी चाहिए। गौरतलब है कि चड्ढा प्रकरण पर विचार करने के लिए तख्तों के सिंह साहिबान ने 23 जनवरी को श्री अकाल तख्त सचिवालय में बैठक बुलाई है। इसमें चड्ढा को स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया गया है।
– सुनीलराय कामरेड
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