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शिवसेना ने राहुल गांधी की प्रशंसा में कहा- ‘योद्धा चाहे अकेला हो, फिर भी तानाशाह डरता है उससे '

शिवसेना ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ा होने के लिए राहुल गांधी को योद्धा बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ‘दिल्ली के शासक’ कांग्रेस नेता से डरते हैं।

05:14 PM Jan 07, 2021 IST | Ujjwal Jain

शिवसेना ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ा होने के लिए राहुल गांधी को योद्धा बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ‘दिल्ली के शासक’ कांग्रेस नेता से डरते हैं।

शिवसेना ने राहुल गांधी की प्रशंसा में कहा  ‘योद्धा चाहे अकेला हो  फिर भी तानाशाह डरता है उससे
शिवसेना ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ा होने के लिए राहुल गांधी को योद्धा बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ‘दिल्ली के शासक’ कांग्रेस नेता से डरते हैं। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया कि यह अच्छी बात है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। 
संपादकीय में कहा गया, ‘‘दिल्ली के शासकों को राहुल गांधी से डर लगता है। अगर ऐसा नहीं होता तो अनावश्यक गांधी परिवार को बदनाम करने की सरकारी मुहिम नहीं चलायी गयी होती।’’ इसमें कहा गया, ‘‘योद्धा चाहे अकेले रहे, उससे तानाशाह को डर लगता है और अकेला योद्धा प्रमाणिक होगा तो यह डर सौ गुना बढ़ जाता है। राहुल गांधी का डर सौ गुना वाला है।’’ 
संपादकीय में कहा गया कि यह अच्छा है कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। संपादकीय में कहा गया, ‘‘यह सबको स्वीकार करना चाहिए कि भाजपा के पास नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं है और कांग्रेस के पास राहुल गांधी का विकल्प नहीं है।’’ ‘सामना’ में कहा गया, ‘‘राहुल गांधी कमजोर नेता हैं’ का प्रचार किया गया लेकिन अब भी वह खड़े हैं और लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं। विपक्षी दल फिनिक्स पक्षी की तरह राख से भी उठ खड़ा होगा।’’ 
शिवसेना द्वारा राहुल गांधी की तारीफ के पहले संजय राउत ने कांग्रेस नेतृत्व वाले संप्रग का विस्तार किए जाने का आह्वान किया था। शिवसेना के सांसद राउत ने कहा था कि विपक्ष को केंद्र के तानाशाही रवैये के खिलाफ एकजुट होना चाहिए और मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष एक मजबूत विकल्प मुहैया कराना चाहिए। 
अगले महीने औरंगाबाद नगर निगम चुनाव के पहले शिवसेना और कांग्रेस के बीच शहर का नाम बदलने की मांग को लेकर गतिरोध चल रहा है। शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करना चाहती है जबकि कांग्रेस के कई नेताओं ने इस कदम का विरोध किया है।

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