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शिवराज पाटिल कौन थे? जिन्हें देशभर में आलोचनाओं का करना पड़ा था सामना; बताया था जिहाद का जिक्र कुरान ही नहीं गीता और ईसाईयों में भी...

01:04 PM Dec 12, 2025 IST | Shivangi Shandilya
शिवराज पाटिल कौन थे  जिन्हें देशभर में आलोचनाओं का करना पड़ा था सामना  बताया था जिहाद का जिक्र कुरान ही नहीं गीता और ईसाईयों में भी
Shivraj Patil kon the?

Shivraj Patil kon the? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह निधन हो गया है। वे अपने शांत स्वभाव और संयमित राजनीतिक शैली के लिए जाने जाते थे। हालांकि अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्हें अपने बयानों और लाइफ स्टाइल की वजह से कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा। इसमें से एक विवाद शिवराज पाटिल के श्रीमद्भवत गीता को लेकर दिए बयान से जुड़ा है, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों से लेकर टीवी डिबेट तक घमासान मच गया था। तो आइए जानते हैं पटेल और उनके राजनीतिक इतिहास से जुड़ी कई अनसुनी बातें।

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Shivraj Patil News: जिहाद पर दिए थे बयान, जिसपर मचा था घमासान

Shivraj Patil kon the
Shivraj Patil kon the

दरअसल दिल्ली में एक बुक लॉन्च इवेंट के दौरान शिवराज पाटिल ने कहा था कि जिहाद की अवधारणा केवल कुरान में ही नहीं, बल्कि गीता और ईसाइयों से जुड़े ग्रंथों में भी देखने को मिलती है। उन्होंने कहा था कि इस्लाम धर्म में जिहाद पर बहुत चर्चा होती है। तमाम कोशिशों के बाद भी अगर कोई साफ विचारों को नहीं समझता है तो ताकत का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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यह अवधारणा सिर्फ कुरान शरीफ में ही नहीं, बल्कि महाभारत में भी है। महाभारत में गीता के जिस हिस्से में श्री कृष्ण ने अर्जुन को धर्म के लिए युद्ध करने की प्रेरणा दी, वह भी जिहाद के समान है।" शिवराज पाटिल ने कहा था कि ईसा मसीह के तलवार उठाने का जिक्र करते हुए कहा कि आप इसे जिहाद नहीं कह सकते और आप इसे गलत नहीं कह सकते, यही बात हमें समझनी चाहिए।

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Shivraj Patil On Jihad: विभिन्न धर्मों के नेताओं ने जताया था विरोध

बता दें कि उनके इस बयान पर विभिन्न धर्मों के नेताओं, सामाजिक संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताया। हालांकि पाटिल अपनी बात पर कायम रहे और इसे केवल धर्मग्रंथों की 'दार्शनिक व्याख्या' बताया था। शिवराज पाटिल से जुड़ा दूसरा विवाद वर्ष 2008 में सामने आया था, जब दिल्ली में सीरियल बम ब्लास्ट वाली शाम को करीब चार घंटे में उन्हें तीन अलग-अलग परिधानों में देखा गया।

एक और ब्लास्ट के पीड़ित अस्पताल में तड़प रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल को उनके कपड़े बदलने के लिए जमकर घेरा गया। दरअसल ब्लास्ट वाली शाम को उन्हें सबसे पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक, फिर ब्लास्ट के बाद मीडिया से मुखातिब होते समय और इसके बाद घटनास्थल के जायजे के दौरान अलग-अलग कपड़ों में देखा गया।

Shivraj Patil kon the? जिहाद पर पाटिल ने खुलकर की थी बातचीत

Shivraj Patil kon the
Shivraj Patil

इसके बाद एक टीवी इंटरव्यू में शिवराज पाटिल ने आलोचना का जवाब देते हुए कहा था, "मैं साफ-सुथरे तरीके से रहने वाला व्यक्ति हूं। अगर मैं ऐसे समय शांति से अपना काम करता हूं तो भी लोग मुझमें कमी निकालते हैं। आप नीतियों की आलोचना कीजिए, कपड़ों की नहीं।" उन्होंने कहा कि इस तरह की आलोचना राजनीतिक मर्यादा के खिलाफ है और इसका मूल्यांकन जनता करेगी।

बीजेपी ने बताया था असंवेदनशील

भाजपा समेत विरोधी दलों ने पाटिल के कृत्य को असंवेदनशीलता बताया था। हालांकि बिहार के पूर्व मंत्री शकील अहमद ने कहा था कि कपड़ों पर विवाद निरर्थक है। हर इंसान को अच्छा दिखने का अधिकार है। किसी मंत्री का मूल्यांकन उसकी नीतियों और उसके काम से होना चाहिए, न कि उसकी वेशभूषा से। उन्होंने इसे बेतुका विवाद बताया था।

Former Home Minister Political Journey: राजनीतिक करियर की शुरुआत

शिवराज पाटिल का राजनीतिक सफर काफी लंबा और महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की और कई बार लोकसभा के लिए चुने गए। पाटिल ने केंद्र सरकार में गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष और रक्षा राज्य मंत्री जैसे अहम पद संभाले। वे शासन, प्रशासन और संसदीय कार्यवाही में अपनी शांत और संतुलित शैली के लिए जाने जाते हैं। गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में कई सुरक्षा चुनौतियाँ सामने आईं। बाद में वे पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल भी बने। शिवराज पाटिल का राजनीतिक जीवन देश की नीतियों, प्रशासन और संसदीय परंपराओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए याद किया जाता है।

Shivraj Patil Death Reason: पाटिल की मौत का कारण?

Shivraj Patil Death
Shivraj Patil Death

शिवराज पाटिल का मृत्यु कारण था लंबी बीमारी और उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएँ, जिससे वे कुछ समय से अस्वस्थ थे और अपने घर लातूर में देखभाल में थे। अंत में 90 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने निवास स्थान पर ही अंतिम सांस ली।

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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