पायलट दोस्त से मिलकर चौंक गए शिवराज, फ्लाइट पर हुआ गजब का मिलन, लिखा- राजीव जी आपने दिल जीत लिया....
Shivraj Singh Chouhan: केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पटना से दिल्ली लौट रहे थे। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि जिस विमान में वे यात्रा कर रहे हैं, वह इतना यादगार होगा। उन्होंने बताया कि पटना से दिल्ली की उड़ान छपरा से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी उड़ा रहे थे। कृषि मंत्री ने इस अनोखी यात्रा के यादगार पलों को सोशल मीडिया पर साझा किया।
Delhi to Patna Flight News: सोशल मीडिया पर शेयर किया पोस्ट
अपने पोस्ट में, शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सांसद राजीव प्रताप रूडी ने पायलट की सीट से यात्रियों के साथ यात्रा की हर छोटी-बड़ी बात बड़े ही रोचक और सरल अंदाज में साझा की। राजीव प्रताप रूडी के साथ उड़ान की तस्वीरें शेयर करते हुए, कृषि मंत्री ने लिखा, "राजीव जी, आपने आज मेरा दिल जीत लिया।"'
Shivraj Singh Chouhan: राजीव जी, आज आपने दिल जीत लिया
शिवराज सिंह चौहान ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- राजीव जी, आज आपने दिल जीत लिया, आज पटना से दिल्ली की हवाई यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय रही, क्योंकि इस फ्लाइट के सह-कैप्टन थे मेरे प्रिय मित्र, वरिष्ठ राजनेता और छपरा सांसद श्री राजीव प्रताप रूडी जी। आज आपने यात्रियों को जिस रोचक अंदाज में सरल भाषा के साथ यात्रा से जुड़ी जानकारी साझा की, उसने पूरी यात्रा के दौरान हम सबको यात्रा से जोड़े रखा। कैसे आपने शुरुआत की, आज पटना के चारों ओर बादलों ने डेरा जमाए रखा है, कल से लगातार बारिश हो रही है।
बादलों के बीच और हल्की बारिश के साथ हम दिल्ली की यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। रास्ते में हम बनारस के ऊपर से गुजरेंगे फिर बाई ओर प्रयागराज और दाईं ओर लखनऊ दिखाई देंगे। गंगा जी और यमुना जी के दर्शन करते हुए हम दिल्ली का सफर पूरा करेंगे और उतरते समय बादल न रहे तो नोएडा की हाई राइज बिल्डिंग्स की रोशनी भी देखने मिलेगी।
Rajiv Pratap Rudy: राजीव जी से प्रभावित हुए शिवराज
शिवराज सिंह चौहान ने आग लिखा, आप यात्रा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी बता रहे थे, आपका यह अंदाज बहुत निराला लगा। अंत में जब आपने सुखद और सफल यात्रा के लिए यात्रियों से ताली बजाने का अनुरोध किया, उसमें अलग ही आत्मीयता देखने मिली। सचमुच, यह अनुभव अद्भुत और अभूतपूर्व रहा। ऐसे लोग विरले ही होते हैं, जो इतनी व्यस्तताओं के बीच भी अपने हुनर के लिए समय निकालते हैं। जमीन से जुड़े रहना इसी को कहते हैं।