'कितने आदमी थे...इतना सन्नाटा क्यों हैं,' Sholay का एक-एक डायलॉग जिसने फिल्म को बनाया आइकोनिक
Sholay Movie Famous Dialogues: फिल्म Sholay से जुड़ी यादें किरदार और किस्से आज भी फिल्मी दुनिया में दोहराए जाते हैं। फिल्म का हर एक सीन, हर एक डायलॉग, हर एक गाना लोगों के जहन में आज भी उसी धूम में गूंजता है जिस धूम में वह पहले गुंजा करता था। फिल्म से जुड़े हर किरदार के हर डायलॉग सुपरहिट साबित हुए थे। लेकिन गब्बर सिंह का एक डायलॉग ऐसा है जो बच्चे बच्चे की जुबां पर चढ़ा हुआ है' कितने आदमी थे'.... आज हम आपको शोले फिल्म के कुछ आइकोनिक और फेमस डायलॉग्स बताने वाले है जो आज भी लोगो की जुबाँ पर चढ़े हुए है।
Sholay Movie Famous Dialogues: शोले फिल्म के कुछ आइकोनिक और फेमस डायलॉग्स
1. 'कितने आदमी थे'

'कितने आदमी थे' बेशक ये डायलॉग मात्र 3 शब्दों का है लेकिन इस डायलॉग को परफेक्शन में लाने के लिए मेकर्स ने 40 बार रिटेक लिए थे। इस डायलॉग को बोलने में गब्बर सिंह के भी पसीने छूट गए थे। डायरेक्टर को हर एक सीन परफेक्ट चाहिए था, शायद उन्हें इस बात का अंदाजा लग गया था कि यह डायलॉग आगे चलकर खूब हिट होने वाला है। दशकों दशकों तक इस डायलॉग को दर्शक दोहराने वाले हैं. तभी तो इस 3 शब्द के डायलॉग को फिल्माने में उन्होंने अमजद खान के पसीने छुड़वा दिए। बार बार रीटेक लेने के बाद चालीसवे टेक पर ये सीन ओके हुआ तो गब्बर सिंह की जान में जान आई।
2. ‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना’...

ब्लॉकबस्टर फिल्म Sholay की वैसे तो कई यादें आज भी जिंदा है लेकिन धर्मेंद्र का डायलॉग एक फैंस के दिल में अलग ही जगह रखता है। चेतावनी के साथ कही गई इस यादगार लाइन ने धर्मेंद्र के किरदार वीरू को अमर कर दिया।
3. गब्बर: अरे ओ सांभा

गब्बर: अरे ओ सांभा, कितना इनाम रखा है सरकार हम पर?, सांभा: पूरे पचास हजार, सांभा: चल बे जग्गा (जब वो इमाम साहब के बेटे को पकड़ते हैं), सांभा: सरदार... ये रामगढ़ का छोकरा है, स्टेशन जा रहा था, हमें रास्ते में मिला. उनका डायलॉग 'अरे ओ सांभा, कितना इनाम रखा है सरकार हम पर?' आज भी लोगों की जुबान पर है।
4. हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं

मशहूर हिन्दी फिल्म Sholay के डायलाग -हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं, हम नहीं सुधरेंगे तो तुम क्या सुधरोगे, सुनाया था।
5. “गांव वालों, तुमको मेरा आख़िरी सलाम…

Sholay का एक और मज़ेदार डायलॉग तब आता है जब वीरू नशे में पानी की टंकी पर चढ़ जाता है और गांव वालों के लिए नाटक जैसा माहौल बना देता है। वह कहता है, “गांव वालों, तुमको मेरा आख़िरी सलाम… गुडबाय…” और फिर जोड़ता है, “इस स्टोरी में इमोशन है, ड्रामा है, ट्रेजेडी है…”

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