लॉकडाउन के चलते पैसा खत्म तो दुकानदारों व कारखानेदारों ने मिलकर निकाला तिरंगा मार्च
कोविड-19 के प्रकोप के बीच पंजाब के आर्थिक राजधानी के नाम से विख्यात महानगर लुधियाना के कई बड़े कारखानेदारों और विख्यात दुकानदारों के एक बड़े समूह ने कफर्यू के दौरान मिली ढील का फायदा उठाते
10:51 PM May 16, 2020 IST | Shera Rajput
लुधियाना : कोविड-19 के प्रकोप के बीच पंजाब के आर्थिक राजधानी के नाम से विख्यात महानगर लुधियाना के कई बड़े कारखानेदारों और विख्यात दुकानदारों के एक बड़े समूह ने कफर्यू के दौरान मिली ढील का फायदा उठाते हुए आज लुधियाना के चौक घंटाघर और चौड़ा बाजार में मिलकर रोष प्रकट करते हुए तिरंगा मार्च निकाला। इस दौरान विभिन्न कारोबारियों ने हाथों में तिरंगा थामे रोष प्रकट करते हुए कहा कि उनकी जेबों से पैसा खत्म हो चुका है और उनके साथ जुड़े सेवादार व परिवारिक सदस्य आज भूख की कगार पर है। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि उन्हें भी अपने-अपने कारोबार करने की इजाजत दी जाएं। इस दौरान रोष प्रकट करते हुए उपस्थित लोगों के हुजूम ने पंजाब की कांग्रेस सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
तिरंगा मार्च के दौरान दुकानदारों ने कहा कि कर्फ्यू के कारण उनका व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है, ऐसे में बिजली के बिल और अन्य टैक्स भरने में वे पूरी तरह से असमर्थ हैं। दुकानदारों पर रखे कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो गया है। सरकार व प्रशासन दुकानदारों की परेशानी को समझे और सभी दुकानें खोलने के लिए अनुमति प्रदान करे।
व्यापार बचाओ मोर्चा के गुरदीप सिंह गोशा व सुनील मेहरा ने कहा कि छोटे दुकानदारों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। घर का खर्च चलाना मुकिश्ल है। सरकार ने कारखानों को चलाने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। लेकिन सभी दुकानदारों को दुकान खोलने की परमिशन नहीं दी है। ऐसे जो छोटे दुकानदार हैं, वे अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए कर्फ्यू के कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं।
शहर के व्यापारियों में काका सूद, अरविंदर सिंह मक्कड़, संजीव चौधरी, हरकेश मित्तल व गोल्डी अरनेजा का कहना है कि कर्फ्यू के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। दुकानों पर जो कर्मचारी रखे हैं, वे भी अब दूसरी जगहों पर नौकरी के लिए तैयारी करने लगे हैं। काफी लंबे समय तक दुकानें व रिटेल आउटलेट बंद रहने के कारण अगर वे काम छोडक़र चले जाते हैं, तो कुशल कामगारों की कमी को दूर करना मुश्किल हो जाएगा। व्यापारियों ने मांग की है कि जिस तरह से सरकार ने शराब के ठेके, उद्योग व हलवाई की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है, उसी तरह छोटे दुकानदारों समेत सभी को दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान की जाए, ताकि उनकी आर्थिकी भी दुरुस्त हो सके।
रीना अरोड़ा
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