Shubman Gill ने तोड़ा 58 साल पुराना रिकॉर्ड – सर गैरी सोबर्स भी रह गए पीछे
बारिश, रन आउट और दबाव के बीच Shubman Gill ने विदेशी जमीन पर रचा इतिहास
ओवल टेस्ट का पहला दिन जैसे ही शुरू हुआ, भारतीय टीम को दो झटके जल्दी लग गए। ऐसे समय में कप्तान Shubman Gill क्रीज़ पर आए और उन्होंने ज़िम्मेदारी से खेल को संभाला। मैदान पर बादल छाए हुए थे और मौसम भी बल्लेबाज़ी के लिए आसान नहीं था। लेकिन गिल ने धैर्य के साथ खेलते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने वेस्ट इंडीज के महान खिलाड़ी सर गैरी सोबर्स का एक पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इस टेस्ट से पहले गिल के नाम 722 रन थे। जैसे ही उन्होंने अपनी पारी की छठी गेंद पर दो रन लिए, उन्होंने सर गैरी सोबर्स का रिकॉर्ड पार कर लिया। सर गैरी ने 1966 में इंग्लैंड में 722 रन बनाए थे। शुभमन अब SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में टेस्ट सीरीज में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले विदेशी कप्तान बन गए हैं।
ओवल की पिच पर इतिहास रचते हुए Shubman Gill ने बनाया विदेशी कप्तानों का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
हालांकि गिल का ये खास दिन बहुत लंबा नहीं चला। बारिश के कारण खेल रुक-रुक कर हो रहा था। दोपहर से पहले तेज़ बारिश हुई और उसके बाद का खेल तीन बजे शुरू हुआ। गिल ने ब्रेक के बाद शानदार कवर ड्राइव खेला और 21 रन बनाकर खेल रहे थे। तभी उन्होंने एक रन लेने की कोशिश की जो उन्हें भारी पड़ गई।
गिल ने गेंदबाज़ गस एटकिन्सन की गेंद पर एक सिंगल लेना चाहा। एटकिन्सन ने गेंद को फॉलो थ्रू में ही पकड़ कर तेजी से स्टंप्स की ओर फेंका। गिल का बल्ला क्रीज़ तक नहीं पहुंच पाया और वो रन आउट हो गए। यह एक आसान रन था, लेकिन गिल से चूक हो गई और उन्हें अपना विकेट गंवाना पड़ा।
जब बारिश ने फिर से खेल रोक दिया, तब भारत का स्कोर 85 पर तीन विकेट था। साईं सुदर्शन 28 रन बनाकर क्रीज़ पर थे और करुण नायर ने अभी खाता नहीं खोला था। सुदर्शन ने 84 गेंदें खेलीं और काफी संयम दिखाया। करुण नायर ने भी 8 गेंदें खेली लेकिन अभी रन नहीं बना पाए थे।
Shubman Gill की पारी भले ही छोटी रही, लेकिन उसने एक बड़ी उपलब्धि भारत को दिलाई। विदेश में कप्तान के तौर पर सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड कोई आसान काम नहीं है। SENA देशों में खेलना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, क्योंकि पिच, मौसम और गेंदबाज़ी सभी कुछ अलग होते हैं। Shubman Gill ने इन सबका डटकर सामना किया और खुद को साबित किया।
इस रिकॉर्ड के साथ गिल ने यह दिखा दिया कि वो सिर्फ एक अच्छे बल्लेबाज़ ही नहीं, बल्कि एक समझदार कप्तान भी हैं। उन्होंने ऐसे समय में जिम्मेदारी ली जब टीम दबाव में थी। हालांकि आउट होने का तरीका निराशाजनक था, लेकिन उनकी पारी की अहमियत कम नहीं होती।
सर गैरी सोबर्स जैसे खिलाड़ी का रिकॉर्ड तोड़ना किसी भी क्रिकेटर के लिए गर्व की बात है। गिल ने जिस तरह से यह मुकाम हासिल किया, वह भारतीय क्रिकेट के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है। उन्होंने मैदान पर अपनी एकाग्रता, तकनीक और आत्मविश्वास से यह दिखा दिया कि वह लंबे समय तक टीम का नेतृत्व कर सकते हैं।
यह पारी भले ही लंबी न चली हो, लेकिन उसका असर बहुत गहरा है। जब भी विदेश में भारतीय टीम का प्रदर्शन याद किया जाएगा, इस रिकॉर्ड को जरूर याद किया जाएगा। शुभमन गिल ने खुद को इतिहास में दर्ज करा लिया है।
बारिश, रन आउट और कम ओवरों के बावजूद पहले दिन की सबसे बड़ी खबर यही रही कि भारत को एक नया रिकॉर्ड होल्डर कप्तान मिला है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में गिल इस फॉर्म को कैसे आगे बढ़ाते हैं और क्या भारत इस टेस्ट मैच को जीत कर सीरीज अपने नाम कर पाता है।
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