Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सिद्ध साहित्यकार विमल का श्रीलंका में सड़क हादसे में निधन

हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल तथा उनके दो परिजनों का दक्षिण श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। 80 वर्षीय विमल परिवार के साथ श्रीलंका की निजी यात्रा पर गये थे

04:35 PM Dec 25, 2019 IST | Shera Rajput

हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल तथा उनके दो परिजनों का दक्षिण श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। 80 वर्षीय विमल परिवार के साथ श्रीलंका की निजी यात्रा पर गये थे

नयी दिल्ली/कोलंबो : हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल तथा उनके दो परिजनों का दक्षिण श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। 80 वर्षीय विमल परिवार के साथ श्रीलंका की निजी यात्रा पर गये थे। 
Advertisement
विमल के एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि सड़क हादसे में विमल के साथ उनकी पुत्री कनुप्रिया और नाती श्रेयस का निधन हो गया। 
उन्होंने बताया कि तीनों के पार्थिव शरीर आज देर रात यहां पहुंचने की संभावना है। श्रीलंका से आई खबर के अनुसार पुलिस ने बताया कि विमल अपने परिजनों के साथ दक्षिणी श्रीलंका में वैन से यात्रा कर रहे थे जो सोमवार रात सदर्न एक्सप्रेसवे पर एक कंटेनर ट्रक से टकरा गयी। वैन दक्षिणी बंदरगाह शहर गाले से कोलंबो की ओर जा रही थी। 
पुलिस ने बताया कि तीनों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी। दुर्घटना में 52 वर्षीय श्रीलंकाई वाहन चालक की भी मृत्यु हो गयी। 
दुर्घटना में विमल के दामाद योगेश सहगल और नातिन ऐश्वर्या घायल हो गये। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और केंद्रीय हिंदी संस्थान समेत विभिन्न संस्थानों में प्रमुख जिम्मेदारियां निभा चुके विमल लेखक और कवि होने के साथ ही बड़े समीक्षक तथा अनुवादक भी थे। 
विमल का जन्म 1939 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुआ था। 
उनके प्रसिद्ध कविता संग्रहों में ‘बोधि-वृक्ष’, ‘इतना कुछ’, ‘सन्नाटे से मुठभेड़’, ‘मैं वहाँ हूँ’ और ‘कुछ तो है’ आदि हैं। 2013 में प्रकाशित उनका अंतिम उपन्यास ‘मानुसखोर’ है । 
विमल के कहानी संग्रह ‘कोई शुरुआत’, ‘अतीत में कुछ’, ‘इधर-उधर’, ‘बाहर न भीतर’ और ‘खोई हुई थाती’ का भी हिंदी साहित्य में अपना स्थान है। उन्होंने उपन्यास, नाटक, आलोचना भी लिखीं तो कई रचनाओं का संपादन कार्य भी किया। 
विमल को भारतीय भाषा पुरस्कार, संगीत अकादमी सम्मान समेत अनेक भारतीय पुरस्कारों और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से भी नवाजा गया। 
Advertisement
Next Article