सुनहरे दिल वाले चांदी के नागरिक
आमतौर पर यह कहा जाता है कि मानव शरीर एकदम सही स्थिति में आता है, लेकिन…
आमतौर पर यह कहा जाता है कि मानव शरीर एकदम सही स्थिति में आता है, लेकिन बिना किसी गारंटी के और आमतौर पर गारंटी की यह कमी जीवन के कुछ वर्षों के दौरान महसूस की जाती है। यह भी कहा जाता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और बुजुर्ग आबादी अलग-अलग व्यक्तियों का एक विषम समूह है, जिसमें 80 वर्ष का व्यक्ति 40 वर्ष का लग सकता है और 40 वर्ष का व्यक्ति 80 वर्ष का लग सकता है। मैं इसे निम्नलिखित घटना से समझाता हूं। वेनिस इटली की अपनी पहली यात्रा पर गंडोला से उतरते समय पर्यटक ने एक बहुत ही आकर्षक बूढ़े व्यक्ति को देखा जिसके लंबे सफेद बाल और दाढ़ी थी और उसके चेहरे पर एक सुंदर मुस्कान थी। वह अपना गिटार बजा रहा था और उसके चेहरे पर गर्व और पूर्णता का भाव था। पर्यटक इस बूढ़े व्यक्ति से अपनी नजरें नहीं हटा सका और उसके पास गया तथा उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा। संगीतकार ने जवाब दिया कि वह पिछले कई वर्षों से प्रतिदिन 20 सिगरेट पीता है और एक बोतल शराब पीता है तथा कभी-कभी जुआ खेलने के लिए कैसीनो में जाता है। इस अप्रत्याशित उत्तर से पर्यटक आश्चर्यचकित हो गया और उसने संगीतकार के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की।
इस पर संगीतकार ने जवाब दिया कि उन्हें मधुमेह के साथ उच्च रक्तचाप की भी समस्या है तथा हाल ही में उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा था और फिलहाल वे अपनी स्थिति के लिए दवाएं ले रहे हैं। बहुत आश्चर्यचकित होकर पर्यटक ने अंतत: इस संगीतकार की उम्र के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसकी उम्र 40 वर्ष है। यह कहानी बताती है कि बुजुर्ग दिखना हमारे अपने हाथ में है। नियमित स्वास्थ्य जांच, नियमित व्यायाम, अच्छी आदतें और स्वस्थ पौष्टिक आहार उम्र बढऩे की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं और आपको युवा और स्वस्थ बना सकते हैं। वैज्ञानिक शोध से यह साबित हो चुका है कि जो लोग सामाजिक रूप से मित्रों और परिवार से जुड़े रहते हैं, वे अधिक समय तक जीवित रहते हैं। साथ ही, एकाकी तनावपूर्ण जीवन का स्वास्थ्य और उम्र बढऩे की प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बागवानी, तैराकी, साइकिल चलाने जैसे नए शौक सीखने से मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट को रोका जा सकता है, जो उम्र बढऩे के साथ स्वाभाविक रूप से आती है।
बुजुर्ग लोगों पर किए गए विश्वव्यापी वैज्ञानिक अध्ययन से यह पुष्टि हुई है कि नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ बहुआयामी क्रियाकलापों से मनोभ्रंश की रोकथाम की जा सकती है तथा अल्जाइमर रोग से बचाव हो सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति कार्यात्मक रूप से सक्रिय और स्वतंत्र हो तथा दूसरी पारी के दौरान जीवन का सर्वोत्तम आनंद ले सके।