For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

सिंदूर तो ट्रेलर था, फिल्म अभी बाक़ी है!

लगभग सभी आतंकी अड्डे और अहम हवाई पट्टियां ध्वस्त हो जाने के पश्चात भी आतंकी…

04:25 AM May 21, 2025 IST | Firoj Bakht Ahmed

लगभग सभी आतंकी अड्डे और अहम हवाई पट्टियां ध्वस्त हो जाने के पश्चात भी आतंकी…

सिंदूर तो ट्रेलर था  फिल्म अभी बाक़ी है

लगभग सभी आतंकी अड्डे और अहम हवाई पट्टियां ध्वस्त हो जाने के पश्चात भी आतंकी पाकिस्तान होश में नहीं आया है, जिसका कारण है कि वह चीन की हिमायत पर कूद रहा है और दूसरा यह उसकी उस प्रकार की पिटाई नहीं हुई है, जैसा कि आवश्यकता थी। वैसे भी पाकिस्तान को नकेल लगाने के लिए सतत् चौकसी और भीषण प्रतिकार ही कारगर होगा, उसको मज़हबी उन्माद से निकालकर सही रास्ते पर लाने के लिए। वास्तव में पाकिस्तान की बुनियाद ही मजहब और भारत की दुश्मनी पर पड़ी है। हिंदुस्तान के प्रति पाकिस्तान की दुश्मनी, किसी ज़मीन के टुकड़े, व्यक्तिगत दुश्मनी या सत्ता का संघर्ष नहीं, बल्कि शताब्दियों से चले आ रहे एक घोर गहन वैचारिक संघर्ष और पूर्ण रूप से भिन्न मानसिकताओं का नतीजा है। जहां भारत 1947 के ग़ैर कुदरती विभाजन के बाद भी आज चांद, सूरज तक पहुंच रहा है, वहीं पाकिस्तान की फौज के पिट्ठू आतंकवादी अभी कश्मीर में सेंध लगाने का यत्न कर रहे हैं। जहां भारत ने इन सात दशकों में सदाचार, सद्भाव, समभाव, लोकतांत्रिक और बहुलतावादी कालजई विचारधारा को जन्म दिया हैं, वहीं पाकिस्तानी समाज को इस देश ने संकीर्णता पूर्ण मज़हबी उन्माद पर उठाया है। जनता के दिल-ओ-दिमाग़ में “घास की रोटी खाएंगे, एटम बम बनाएंगे” की ख़तरनाक और खुराफ़ाती दुर्भावना कूट-कूट कर भर दिया गया है। जहां समाजी तौर पर सरकार यह कार्य कर रही है, वहीं मौलाना मौदूदी के मदरसों में मासूम बच्चों के मस्तिष्क में यह भरा जाता है कि पूर्ण विश्व पर इस्लाम का राज होगा, जबकि क़ुरआन कहता है, “लकुम दीनोकुम, वले यदीन।” इसका अर्थ है, “तुम्हें तुम्हारा दीन मुबारक, हमें हमारा दीन।” अच्छा होता कि पाकिस्तान इसी रास्ते पर चलता, मगर समस्या यही है कि इस मुल्क ने अपना अलग ही इस्लाम बना लिया है। मानसिकता और वैचारिक तौर से पाकिस्तान गजनवी, गौरी, बाबर, चंगेज, अब्दाली आदि जैसे शासकों को ही अपना आईडीयल मानता है, न कि हज़रत मुहम्मद (स.) को। यही उसकी समस्याओं का मुख्य कारण है।

विभाजन के बाद यदि पाकिस्तान भारत को अपना बड़ा भाई मान लेता तो वह आज भुखमरी का शिकार न हो कर न जाने कहां से कहां तक पहुंच जाता। जिस प्रकार से वहां की फ़ौज के मुखिया ने वीभत्स द्विराष्ट्रीय दृष्टिकोण को दर्शाते हुए हिंदू भाइयों को गलियाया है, पाकिस्तान का सर्वनाश तय है। पाकिस्तान कोई प्राकृतिक, ऐतिहासिक या भौगोलिक कारणों से बना देश नहीं है, बल्कि यह एक नकली देश है जो कुछ ही दिनों में “बक़िस्तान” की सूरत में मात्र 30 प्रतिशत ही रह जाएगा, क्योंकि बलूचिस्तान और सिंध अधिक दिन न रह कर बंगलादेश की भांति ही कट जाएंगे जैसा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भी भविष्यवाणी की थी। आज तक लगभग 400 पाकिस्तानी सैनिक बलूचिस्तान की आज़ादी सेना द्वारा मौत के घाट उतार दिए गए हैं।

यदि पाकिस्तान चीन के बूते कूद रहा है तो यह जान लें कि चीन भारत का कुछ नहीं बिगाड़ सकता और यदि चीन ने भविष्य में सीधा पाकिस्तान की हिमायत में भारत से टकराने की कोशिश की तो तो कागज़ों में बावजूद भारी-भरकम होने के उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा जिससे न केवल वह बल्कि पूर्ण विश्व दांतों तले उंगलियां दबा लेगा। यही कारण है कि भारत ने पूरी दुनिया में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया ताकि दु​िनया जान सके कि पाकिस्तान ने किस तरह भारत पर जुल्म कर उसके निर्दोष नागरिकों की जान ली है। उसे वह भूलने वाला नहीं है और सिंदूर-2 की पूरी तैयारी में है। चीन को सिवाय 1962 के किसी भी युद्ध का अनुभव है, जब एक कमज़ोर प्रधानमंत्री विराजमान थे कि जिन्होंने उसके सामने घुटने टेक दिए थे और लंबी-चौड़ी ज़मीन गंवाई थी। चीन और आई एम एफ के टुकड़ों पर पलने वाला पाकिस्तान कभी भी भारत के पार नहीं हो सकता। सिंदूर तो ट्रेलर था, फिल्म अभी बाक़ी है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Firoj Bakht Ahmed

View all posts

Advertisement
×