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गायक राजवीर जवंदा सबको रूला गया...

04:45 AM Oct 12, 2025 IST | Kiran Chopra
पंजाब केसरी की डायरेक्टर व वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की चेयरपर्सन श्रीमती किरण चोपड़ा

कोई आंख नहीं जो रोई न हो, कोई हाथ नहीं जो प्रार्थना और अरदास के लिए जुड़े न हों। लोकप्रिय पंजाबी गायक राजवीर जवंदा ने दुनिया को अलविदा कह दिया। सिर्फ 35 साल की उम्र में वो इस दुनिया को छोड़ गए। 27 सितंबर को वो गंभीर सड़क हादसे का शिकार हो गए थे, जिसके बाद उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 11 दिनों तक मौत से जंग लड़ने के बाद गुरुवार को सिंगर की मौत हो गई। उनके निधन से पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री, परिवार और प्रशंसकों में शोक व्याप्त है। अब सवाल आता है कि सिंगर का एक्सीडेंट कैसे हुआ था और किन वजहों से उनकी मौत हो गई? दरअसल पूरा मामला शुरू हुआ 27 सितंबर को जब राजवीर अपनी बाइक से शिमला की ओर जा रहे थे। बीच रास्ते में पिंजौर-नालागढ़ रोड पर अचानक उनका सामना दो सांडाें से हुआ, जो सड़क पर ही भिड़ गए और उनकी टक्कर के बीच राजवीर की बाइक का बैलेंस बिगड़ गया और वो खुद को बचाने के चक्कर में एक बोलेरो से टकरा गए। इस भिड़ंत में वो बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टर की टीम तुरंत ही उनके इलाज में जुट गई लेकिन उन्हें बचाने में असफल साबित हुई।
देश अभी एक ओर गायक जुबीन गर्ग की मौत से उभर भी नहीं पाया था कि एक और गायक हादसे का शिकार हो गया। मैं जवंदा के बारे में इतना कहना चाहती हूं कि 35 साल की उम्र जाने की नहीं होती और दु:खदायी पहलू यह है कि उनकी पत्नी बार-बार उन्हें मोटरसाइकल पर शिमला जाने से रोक रही थी। उन्हें किसी अंदेशे का डर था। सोशल मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उनकी पत्नी ने यह भी कहा कि आज आप बाइक पर मत जाओ लेकिन होनी बहुत प्रबल है। यह हादसा बहुत बड़े सवाल भी छोड़कर चला गया है जो न केवल पंजाब, हरियाणा या हिमाचल की सड़कों पर पशुओं की उपस्थिति से जुड़े हैं। सच बात तो यह है कि राजधानी दिल्ली हो या अन्य शहर, सड़कों पर आवारा पशुओं के जमावड़े हर वक्त दुर्घटना का एक बड़ा कारण बने रहते हैं। इसके लिए क्या व्यवस्था की जानी चाहिए यह काम राज्यों के प्रशासन को करना है लेकिन जाने वाला तो चला गया और हमें अलर्ट करके गया है कि सड़कों पर आवारा पशुओं को आने से रोकने का समय आ गया है।
राजवीर ने जाते-जाते दुनिया को यह भी बता ​िदया है, अगर आप अच्छे इंसान हो, आपके कर्म अच्छे हैं, दुनिया आपको आपके जाने के बाद याद भी करेगी और आपके लिए आंसू भी बहायेगी, प्रार्थना भी करेगी।
यह सच है कि जवंदा ने बुलंदी के शिखर पर पहुंचकर भी अपने आपको डाउन टू अर्थ रखा और जिस तरह के गीत गाये वो पंजाब, पंजाबीयत और पंजाबी संस्कृति से जुड़े हैं जिसको बचाए रखने की आज बहुत जरूरत है। मुझे उसकी मां, पत्नी, बच्चों की पीड़ा बहुत ही दुखी कर रही है। सड़कों पर सांड, कुत्ते या गऊ माता खुले घूमते हैं, वे दुर्घटनाओं को खुला आमंत्रण है। सरकारें बहुत कुछ कर रही हैं, ये समस्याएं केवल चंद महानगरों की नहीं पूरे देश के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैं। काश, वो सांड न लड़ रहे होते तो जवंदा आज जिंदा रहता। मां का अकेला बेटा छोटे-छोटे बच्चों का पिता और जवान पत्नी का पति जीवित होता।
मैं कभी उससे मिली नहीं, न उसके गीत सुने परन्तु उसकी अच्छाइयां, उसके गीत, उसके सच्चे व्यक्तित्व को उसकी दुर्घटना के बाद देखकर ऐसे लग रहा था जैसे कोई अपना जा रहा है। कई बार आंखों में आंसू आए और लगा कि इस पंजाबी छोटे वीर को नजर लग गई।
पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में राजवीर जवंदा वो उभरता सितारा थे, जिनके लिए हर कोई कहता था 'ये बहुत आगे जाएगा...' लेकिन आज वह अपनों की आंखों में आंसू देकर बहुत दूर चला गया। राजवीर जवंदा का गाना सरदारी 2018 में रिलीज हुआ था। बिना किसी वल्गैरिटी के बहुत ही सादगी भरे अंदाज से राजवीर जवंदा के इस गाने ने दर्शकों के दिल में अपनी जगह बनाई थी। राजवीर जवंदा अपनी ट्रेडिशनल लुक और हिट गानों के लिए मशहूर थे। उनके कंगनी गाने ने सोशल मीडिया पर अपनी छाप छोड़ी थी, जिसके बाद वो यंग जेनेरेशन में काफी पॉपुलर थे। राजवीर ने 'पटियाला शाही पग', 'केसरी झंडे', 'लैंडलॉर्ड', 'सरनेम' समेत कई हिट गाने गाए। उन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में ऐक्टिंग भी की। साल 2018 में उन्होंने 'सूबेदार जोगिंदर सिंह' से एक्टिंग डेब्यू किया था। वह 'काका जी', 'जिंद जान', 'सिकंदर 2' समेत कई फिल्मों में काम कर चुके थे। मैं इस उभरते गायक की अचानक मौत से स्तब्ध हूं और उनके परिवार के साथ मेरी सहानुभूति है और प्रभु तथा सच्चे वाहे गुरु से प्रार्थना है कि परिवार के लोगों को इस भारी कष्ट को झेलने की शक्ति दें और बिछोह आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। मैं उन पंजाबी गायकों को नमन करती हूं, जिन्होंने सुना है, कहा है कि उसके 52 शो बुक थे, वो उसे कैंसिल नहीं करेंगे। उन्हें वो सभी मिलकर करेंगे और जो पैसा होगा परिवार को देंगे। मुझे अपने पंजाबी भाइयों और पंजा​बियत पर मान है आैर मुझे उम्मीद है वो सारी उम्र इस परिवार के भाई-बेटे बनकर ख्याल रखेंगे। उसका गाना ‘मिट्टी ना फरोल जो​िगया’-दिल को झकझोर कर रख रहा है।

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