बहन और भाई न करें भाई दूज पर ये गलतियां,शुभ मुहुर्त में ऐसे करें तिलक
धार्मिक मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमराज की पूजा उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। हालांकि, भाई दूज मनाने के कई नियम हैं। इसके लिए भाई दूज के दिन गलतियां बिल्कुल न करें।
11:59 AM Oct 27, 2022 IST | Desk Team
हर साल भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है।इस मौके पर बहनें अपने भाई के सिर पर तिलक लगाकर लंबी आयु की कामना मृत्यु के देवता यमराज से करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमराज की पूजा उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। हालांकि, भाई दूज मनाने के कई नियम हैं। इसके लिए भाई दूज के दिन गलतियां बिल्कुल न करें।
Advertisement
भाई दूज के शुभ मुहूर्त
उदया तिथि के अनुसार भाई दूज 26 अक्टूबर और 27 अक्टूबर दोनों दिन मनाई जाएगी। 26 अक्टूबर 2022 को 02 बजकर 43 मिनट से भाई दूज की शुरुआत होगी। 27 अक्टूबर को इसका समापन दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा।
26 अक्टूबर तिलक और पूजा शुभ मुहूर्त- दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक होगा।
विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक होगा।
27 अक्टूबर तिलक शुभ मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक होगा।
भाई दूज के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां
भाई दूज के दिन नॉनवेज यानी तामसिक भोजन न ग्रहण करें। इस दिन तामसिक भोजन करने से यमराज रूष्ट हो जाते हैं। साथ ही उनकी कृपा नहीं बरसती है।
भाई दूज पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें।इस दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है।
भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं।भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं।
भाई को तिलक लगाएं।तिलक लगाने के बाद भाई की आरती उतारें।
भाई के हाथ में कलावा बांधें।भाई को मिठाई खिलाएं।मिठाई खिलाने के बाद भाई को भोजन कराएं।भाई को बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए।
भाई दूज के दिन बहनों को तिलक लगाने से पहले अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। जब तक भाई के सिर पर तिलक नहीं लगा देती हैं। तब तक उन्हें उपवास करना चाहिए। साथ ही भाई की पसंद का व्यंजन पकाना चाहिए।
भूलकर भी आज के दिन बहन या भाई काले वस्त्र न पहनें।
दिशा का भी ख्याल करना चाहिए। भाई दूज के दिन भाई का मुख उत्तर या उत्तर पश्चिम की दिशा में होना चाहिए। वहीं, बहनें पूर्व या उत्तर पूर्व की दिशा में मुखकर बैठें।
भाई दूज के दिन किसी का दिल न दुखाएं। न ही किसी को भला बुरा कहें। ऐसा करने से भी यमराज रुष्ट हो जाते हैं।
Advertisement