Karnataka के धर्मस्थल में सामूहिक कब्र से हडकंप, SIT जांच ने सबको चौंकाया
Karnataka के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल धर्मस्थल में सामूहिक कब्र मामले की जांच में SIT (विशेष जांच दल) को पहली बार एक ठोस सबूत हाथ लगा है। एक साइट पर खुदाई के दौरान मानव कंकाल के अवशेष बरामद हुए हैं, जिससे मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाए थे कि उसे 1998 से 2014 के बीच धर्मस्थल इलाके में महिलाओं और नाबालिगों के शवों को दफनाने और जलाने के लिए मजबूर किया गया था। उसका दावा है कि कई शवों पर यौन उत्पीड़न और हिंसा के निशान भी थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन आरोपों के आधार पर 4 जुलाई को धर्मस्थल पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया। इसके बाद 19 जुलाई को कर्नाटक सरकार ने DGP प्रणब मोहंती की अगुवाई में एक SIT का गठन किया। इस टीम में डीआईजी एम.एन. अनुचेत, डीसीपी सौम्यलता और एसपी जितेंद्र कुमार दयामा शामिल हैं।
खुदाई में मिले पहले अवशेष
SIT की जांच के दौरान, साइट संख्या 6 से मानव कंकाल के आंशिक अवशेष मिले हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये अवशेष संभवतः एक पुरुष के हैं। ये अवशेष शिकायतकर्ता द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की गई खुदाई में बरामद हुए हैं। फॉरेंसिक टीम ने इन अवशेषों को जांच के लिए सुरक्षित कर लिया है। अब इनकी उम्र, मृत्यु का कारण, और दफन की परिस्थितियों को जानने के लिए फॉरेंसिक जांच की जाएगी।
अन्य पांच साइटों पर नहीं मिला कुछ
शिकायतकर्ता ने कुल 15 संदिग्ध स्थानों की पहचान की है। इनमें से पांच जगहों पर हाल ही में खुदाई की गई, लेकिन वहां कोई अवशेष नहीं मिला। इनमें से एक खुदाई नेत्रावती नदी के किनारे हुई, जहां पानी रिसने के बावजूद जेसीबी मशीन से गहराई तक खुदाई की गई। इस दौरान मौके पर फॉरेंसिक विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी, और राजस्व विभाग के कर्मचारी मौजूद थे, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला।
कहां-कहां हैं संदिग्ध स्थल?
शिकायतकर्ता के अनुसार, जिन 15 जगहों की पहचान की गई है, उनमें:
- 8 स्थान नेत्रावती नदी के किनारे हैं
- 9 से 12वीं साइट राजमार्ग के पास नदी के करीब स्थित हैं
- 13वीं साइट आजुकुरी से नेत्रावती को जोड़ने वाली सड़क पर है
- बाकी दो कन्याडी क्षेत्र में राजमार्ग के पास हैं
आगे की कार्रवाई
अब SIT इन अवशेषों की जांच पर फोकस कर रही है। विस्तृत फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि ये अवशेष शिकायत में बताए गए मामलों से जुड़े हैं या नहीं।
फिलहाल, जांच टीम अन्य संदिग्ध साइटों पर भी खुदाई की योजना बना रही है ताकि सच सामने लाया जा सके।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पणजी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने गोवा में 212.85 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। ईडी ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत गोवा राज्य के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थित अचल संपत्तियों पर ये कार्रवाई की है। ईडी ने बुधवार को एक बयान में बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), पणजी क्षेत्रीय कार्यालय ने 28 जुलाई को गोवा के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थित कई अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिनका मूल्य 212.85 करोड़ रुपए है। यह कार्रवाई रोहन हरमलकर और उनके सहयोगियों के नेतृत्व में एक संगठित आपराधिक गिरोह द्वारा किए गए भूमि हड़पने और जालसाजी की व्यापक साजिश की चल रही जांच के संबंध में की गई है।
ईडी के मुताबिक, ईडी ने गोवा पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों के आधार पर जांच शुरू की है। ये एफआईआर रोहन हरमलकर और अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई थीं। उन पर जालसाजी, धोखाधड़ी, फर्जी पहचान का इस्तेमाल करने और नकली दस्तावेजों के जरिए उत्तर गोवा में जमीन के टुकड़े धोखे से हड़पने के आरोप हैं।