रिटायरमेंट के छह महीने के बाद CJI चंद्रचूड़ बने प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी ने दी बड़ी जिम्मेदारी
CJI चंद्रचूड़ ने प्रोफेसर के रूप में नई पारी शुरू की
डीवाई चंद्रचूड़, जो नवंबर 2024 तक भारत के चीफ जसिटस रहे, अब नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में कानून शिक्षा में योगदान देंगे।
पूर्व चीफ जसिटस ऑफ़ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया है. इस बात की जानकारी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर साझा की है. पोस्ट में यह भी कहा गया कि कानून क्षेत्र में यह बड़े बदलाव के संकेत हैं. यह लीगल एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलाव का अध्याय है. डीवाई चंद्रचूड़ नवम्बर 2022 से नवम्बर 2024 तक भारत के चीफ जसिटस रहे हैं. उन्होंने कई बड़े और अहम फैसले लिए हैं.
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने क्या कहा?
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि ” यूनिवर्सिटी पूर्व चीफ जसिटस ऑफ़ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ जी का स्वागत करते हुए बहुत ही सम्मानित महसूस कर रही है.” इस पोस्ट में एक तस्वीर भी साझा की गई थी जिसमें डीवाई चंद्रचूड़ के साथ यूनिवर्सिटी की कुलपति भी मौजूद थे. डीवाई चंद्रचूड़ अब यहाँ बच्चों को कानून का विषय पढ़ाते नजर आएंगे. यह भारतीय क़ानूनी शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
We are profoundly honoured to welcome Dr. Justice D.Y. Chandrachud, former Chief Justice of India, as a Distinguished Professor at National Law University Delhi. pic.twitter.com/M79QrFU8TL
— National Law University Delhi (@NLUDofficial) May 15, 2025
कौन हैं डीवाई चंद्रचूड़?
डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत के 50 वें चीफ जसिटस ऑफ़ इंडिया के रूप में कार्य किया था. उनकी स्नातक की पढाई दिल्ली विश्वविधालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र विषय में हुई है। इसके बाद उन्होंने 1982 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और पेशेगत तरीके से अपनी वकालत की शुरुआत की.
डीवाई चंद्रचूड़ के अहम फैसले
डीवाई चंद्रचूड़ राममंदिर के फैसले देने वाले बेंच में शामिल थे. आर्टिकल 370 की सुनवाई, इलेक्ट्रोरल बांड को खत्म करने या दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार जैसे गंभीर मामले हो इन सभी सुनवाई में डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच शामिल थी. उन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत बॉम्बे हाईकोर्ट से शुरू की थी, उसके बाद वह वकालत के लिए दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में आ गए. वह अमेरिका के ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में और मुंबई यूनिवर्सिटी में भी विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में कार्य कर चुके हैं.
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