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अयोध्या के राम मंदिर के अंतिम खाका में विभिन्न देवी-देवताओं के छह मंदिर

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति द्वारा तैयार अंतिम योजना के अनुसार राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में छह देवी-देवताओं के मंदिरों का भी निर्माण किया जाएगा।

12:12 AM Sep 13, 2021 IST | Shera Rajput

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति द्वारा तैयार अंतिम योजना के अनुसार राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में छह देवी-देवताओं के मंदिरों का भी निर्माण किया जाएगा।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति द्वारा तैयार अंतिम योजना के अनुसार राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में छह देवी-देवताओं के मंदिरों का भी निर्माण किया जाएगा।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि मंदिर की नींव का निर्माण जोर-शोर से हो रहा है और इसके अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
अंतिम योजना के अनुसार जन्मभूमि परिसर में विभिन्न देवी-देवताओं के छह मंदिरों का निर्माण होगा। इसके अनुसार परिसर में भगवान सूर्य, भगवान गणेश, भगवान शिव, देवी दुर्गा, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के मंदिर भी बनाए जाएंगे।
मिश्रा ने कहा, ‘विभिन्न देवी देवताओं के ये छह मंदिर राम मंदिर की बाहरी परिधि में लेकिन परिसर के भीतर बनाए जाएंगे। हिंदू धर्म में भगवान राम की पूजा के साथ ही इन देवताओं की पूजा भी बहुत महत्वपूर्ण है।’
उन्होंने कहा कि नींव के पूरा हो जाने के बाद अक्टूबर के अंत से या नवंबर के पहले सप्ताह से मंदिर के आरधार का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भव्य मंदिर की संरचना में पत्थरों को लगाने के लिए चार अलग-अलग स्थानों पर चार टावर क्रेन लगाए जाएंगे।
मिश्रा ने कहा कि 1,20,000 वर्ग फुट और 50 फुट गहरे नींव का निर्माण कार्य अक्टूबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट ने अब नींव को समुद्र तल से 107 मीटर ऊपर लाने के लिए नींव क्षेत्र पर चार अतिरिक्त परतें बनाने का निर्णय लिया किया है।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक सीमेंट अधिक गर्मी सोखता है, जिससे वातावरण में गर्मी बढ़ेगी। इससे बचने के लिए मंदिर के निर्माण में सीमेंट का कम से कम उपयोग किया जा रहा है।
राम मंदिर के ‘सुपर स्ट्रक्चर’ के आधार का निर्माण उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से 3.5 लाख घन फुट पत्थरों से किया जाना है। मिर्जापुर स्थित दो निजी कंपनियों को पत्थरों को काटने और लगाने का ठेका दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि मिर्जापुर में महज 10 से 12 घंटे ही बिजली आपूर्ति होने से पत्थरों की कटाई और घिसाई धीमी हो गई है।
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