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केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- सतत विकास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुपोषण को जड़ से मिटाना आवश्यक

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुपोषण को जड़ से मिटाना आवश्यक है।

08:12 PM Sep 17, 2020 IST | Desk Team

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुपोषण को जड़ से मिटाना आवश्यक है।

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा  सतत विकास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुपोषण को जड़ से मिटाना आवश्यक
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुपोषण को जड़ से मिटाना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर सितंबर पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है।
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इसके तहत प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एक लाख पोषण किट्स का वितरण किया गया। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्रालय से मिली।
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कृषि मंत्रालय और भारतीय अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा आयोजित पोषण अभियान-2020 और महिला कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, सतत विकास के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुपोषण को जड़ से मिटाना आवश्यक है, इस दिशा में आईसीएआर एवं देशभर के 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) पोषण किट्स वितरण एवं पोषण स्मार्ट ग्राम जैसी अभिनव पहल कर रहे हैं।
तोमर ने कहा कि माताओं एवं बच्चों को पोषणयुक्त आहार मिले, इस दिशा में केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, आईसीएआर, इफको एवं अन्य संस्थाएं निरंतर सकारात्मक प्रयत्न कर रहे हैं।
हमारे देश में पुरातनकाल से यह व्यवस्था रही है कि परिवारों को पोषणयुक्त आहार सामग्री घर के आसपास ही आसानी से मिल सके, लेकिन भौतिकवाद बढ़ने के साथ ही घर-आंगन में ही फल-सब्जियां उगाने की परंपरा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से अब कोशिश की जा रही है कि आंगनवाड़ियों में पोषण आहार की सुगमता हो। तोमर ने कहा, पोषण वाटिका एवं पोषण थाली की जो संकल्पना की गई है, इसके पीछे यही उद्देश्य है कि गरीब परिवारों तक भी पोषण आहार सुगमता से पहुंच सके।
उन्होंने बताया, देश में 11 कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों के मार्गदर्शन में केवीके द्वारा 307 पोषण स्मार्ट ग्रामों एवं 8,264 पोषण वाटिका की स्थापना की जा चुकी है। पोषण से संबंधित तकनीकी मूल्यांकन 130 केवीके द्वारा 252 क्रियाकलापों पर किया जा चुका है, जिससे 2,116 लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं।
पोषण से संबंधित तकनीकी प्रदर्शन में 4,505 क्रियाकलापों को किया जा चुका है, जिसके 50,894 लाभार्थी थे। इन तकनीकी प्रदर्शनों में पोषण वाटिका पर 2,744 प्रदर्शन, बायो-फोर्टीफाइड किस्मों पर 222 प्रदर्शन, मूल्य संवर्धन पर 1,149 प्रदर्शन और अन्य पोषण संबंधित उद्यमों पर 390 प्रदर्शन दिए गए हैं।
इनका लाभ ग्रामीण क्षेत्र में कुपोषण दूर करने में मिल रहा है। इस मौके पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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